Wednesday, November 13, 2024
बस्ती मण्डल

प्रेस पर सुनियोजित हमले लोकतंत्र के खत्म होने का संकेत – देवेन्द्र

बस्ती, 06 अक्टूबर। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हो रहे सुनियोजित हमले के विरोध में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर स्थानीय प्रशासन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। जिलाध्यक्ष ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ‘ज्ञानू’ की अगुवाई में शास्त्री चौक पर इकट्ठा हुये कांग्रेसजन पैदल कर प्रेस पर हो हमलों के विरोध में नारेबाजी करते हुये कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां अति. एसडीएम रमेश यादव को ज्ञापन सौंपा गया।

जिलाध्यक्ष ने कहा लोकतंत्र पर मौजूदा सरकार सुनियोजित हमले कर रही है। जिस देश में मीडिया की स्वतंत्रता छीनने का प्रयास किया जाता है वहां मजबूत लोकतंत्र की कल्पना किसी कीमत पर नही की जा सकती। खुद के लाभ के लिये जनता कके सामने पत्रकारों को आतंकवादी बनाकर पेश करने की घटिया मानसिकता का कांग्रेस पुरजोर विरोध करती है और सच्चाई के साथ निडरता से खड़े पत्रकारों का समर्थन करती है।

प्रदेश सचिव देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि यह सबकुछ एक साजिश के तहत हो रहा है। गिनती के पत्रकार बचें हैं जिन्होने तमाम दबावों और धमकियों को दरकिनार कर सत्ता की आखों मे आखें डालकर सवाल पूछ रहे हैं। उनके ठिकानों पर छापे मारकर एवं उनके उपकरणों, संसाधनों को जब्त कर पत्रकारों से उनकी स्वतंत्रता छीनी जा रही है। कांग्रेस किसी कीमत पर इसे बर्दाश्त नही करेगी। पूर्व जिलाध्यक्ष अनिरूद्ध त्रिपाठी ने कहा जो सरकार पत्रकारों को सुरक्षा और स्वतंत्रता नही प्रदान कर सकती उसे सत्ता में बने रहने का हक नही है।

प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने के दौरान अनिरूद्ध त्रिपाठी, बाबूराम सिंह, मो. रफीक खां, डा. शीला शर्मा, बृजेश कुमार आर्या, शमसुद्दीन, सुरेन्द्र मिश्रा, लालजीत पहलवान, जगदीश शर्मा, कौशल त्रिपाठी, अनिल भारती, डा. वाहिद सिद्धीकी, ओमप्रकाश पाण्डेय, शौकत अली नन्हू, अलीम अख्तर, अशोक श्रीवास्तव, जितेन्द्र चौधरी एडवोकेट, भालचंद यादव, मुकेश कुमार शुक्ल फौजी, करीम अहमद, हरिशचन्द्र शुक्ला, देवेन्द्र प्रकाश त्रिपाठी, विश्वनाथ चौधरी, इफ्तेखार अहमद खां, कम्मो भाई, अवधेश सिंह, साधूसरन पाण्डेय, तप्पे बाबा, मंजू पाण्डेय, अशफाक अहमद कुरेशी, दीपक पाण्डेय, नर्वदेश्वर शुक्ल, शिवविभूति मिश्रा, मो. सिद्धीक, प्रदीप शुक्ला, महबूब हसन आदि मौजूद रहे।