Saturday, February 15, 2025
बस्ती मण्डल

ग्रामीण फाउंडेशन इंडिया द्वारा बायोफोर्टिफाइड फसलो, मोरिंगा और मोटे अनाज पर छात्रों की दी जानकारी

बस्ती। ग्रामीण फाउंडेशन इंडिया द्वारा राजन महिला डिग्री कालेज बस्ती में बायोफोर्टिफाइड फसलो, मोरिंगा और मोटे अनाज के लाभ संबंधी ट्रेनिंग वर्कशॉप और सेमिनार का आयोजन सिद्धार्थ एफपीसी के स्थानीय संयोजन में किया गया. इस दौरान जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनीष कुमार नें छात्रों को बायोफोर्टिफाइड किस्मों के बारे में जानकारी देते हुए बताया की देश में इस समय 16 फसलों की बायोफोर्टिफाइड 85 किस्में विकसित की गई हैं जिनमें शकरकंद, अलसी और गाजर की किस्में शामिल हैं. इन किस्मों में 15 सूक्ष्म पोषक तत्व मिलाए गए हैं. इन किस्मों में प्रोटीन जिंक, आयरन और कैल्शियम है.विटामिन ए, विटामिन सी, अमोनिया, लाइसिन और ट्रिप्टोफैन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व जोड़े गए हैं. दो साल पहले प्रधान मंत्री ने 8 फसलों की 17 बायोफोर्टिफाइड किस्मों को राष्ट्र को समर्पित किया था.

उन्होंने कहा की सीआर धान 315 में हाइब्रिडाइजेशन तकनीक से बीटा कैरोटीन जीन डाला गया है, इसमें जिंक भरपूर होता है और विटामिन ए, फोलिक एसिड, हाई आयरन गोल्डन राइस पहली बायोफोर्टिफाइड फसल है. अगर 40 ग्राम इस को चावल रोज पकाकर खाया जाए तो आंखो की रोशनी नहीं जाएगी. गेहूं- HI 1633 प्रोटीन, आयरन और जिंक से भरपूर होता है. क्यूपियम मक्का-हाइब्रिड किस्में 1, 2 और 3 लाइसिन और ट्रिप्टोफैन से भरपूर होती हैं. इसमें 3.3 से 4 ग्राम प्रति 100 ग्राम लाइसिन प्रोटीन होता है, जो सामान्य मक्का से दोगुना है. मधुबन गाजर में उच्च मात्रा में कैरोटीन और आयरन होता है.

इस मौके पर प्रगतिशील किसान राममूर्ति मिश्र नें कहा कि मोटा अनाज रागी, कंगनी, कोधरा, जवार, हरी कंगनी, कुटकी, सावा आदि को हम बिल्कुल भूल गए हैं जबकि हमारी शारीरिक व मानसिक तंदुरुस्ती के लिए इनका सेवन अत्यंत जरूरी है. उन्होंने कहा की किसी समय मोटा अनाज हमारी खुराक का अहम हिस्सा होता था परंतु हमारे रहने सहने व खान पीने में हुए बदलाव कारण आज यह हमारी थाली से गायब हो गए हैं. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से 2023 वर्ष को मोटे अनाज के रूप में मनाया जा रहा है.

बीएड विभाग के विभागध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र यादव नें सहजन के फायदे गिनाते हुए कहा की सहजन कुदरत के वरदान से कम नहीं है. सहजन एक तरफ दर्द से राहत दिलाती हैं, तो दूसरी ओर यह कैंसर, दिल के मरीज, बीपी , त्वचा के लिए भी काफी फायदेमंद होती है. अगर इस हरी सब्जी का इस्तेमाल किया जाए तो शरीर के लिए ये काफी फायदेमंद रहेगी. उन्होंने सहजन के सैकड़ों फायदे गिनाये. इस कार्यक्रम में मनीष मिश्र, धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय, पुनीता त्रिपाठी, राजेन्द्र गौड़, मीरा शुक्ला, जितेन्द्र चौधरी, आकांक्षा श्रीवास्तव, पूजा उपाध्याय, पूजा मिश्रा, राम स्वरूप यादव, डॉ. वैभव श्रीवास्तव सहित सौ से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया.