पुरानी पेंशन की बहाली राम पाल सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि- उदयशंकर शुक्ल
बस्ती । अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम पाल सिंह गुरूग्राम स्थित मेदान्ता हास्पिटल में इलाज के दौरान निधन हो गया। उनके आकस्मिक निधन से शिक्षकों में शोक की लहर है। शनिवार को उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल की अध्यक्षता में एक आकस्मिक बैठक बुलाकर प्रेस क्लब सभागार में शिक्षकों ने राम पाल सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये उनके योगदान पर चर्चा किया।
संघ जिलाध्यक्ष उदयशंकर शुक्ल ने कहा कि बांदा जनपद के निवासी राम पाल सिंह ने एजुकेशन इंटरनेशनल की क्षेत्रीय समितियों और कार्यकारी बोर्डों में कार्य किया। उन्होंने सभी देशों के शिक्षकों को एकजुटता के साथ लाने के लिए अथक प्रयास किया। अपनी मृत्यु के समय, वह एजुकेशन इंटरनेशनल एशिया पैसिफिक क्षेत्रीय समिति के उपाध्यक्ष और एजुकेशन इंटरनेशनल कार्यकारी बोर्ड के सदस्य थे। वर्तमान में पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय संयुक्त मंच को विकसित करने में उनका विशेष योगदान है। उनकी सोच के अनुरूप ही समूचे देश में पुरानी पेंशन बहाली के लिये चरणबद्ध आन्दोलन चल रहे हैं। उन्होने शिक्षकों को अधिकार दिलाने के लिये क्रान्तिकारी योगदान दिया, अनेकों बार जेल गये। उनके प्रयासों का ही फल है कि शिक्षकोें को अनेक अधिकार मिले। उनका योगदान सदैव याद किया जायेगा। पुरानी पेंशन की बहाली राम पाल सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
श्रद्धांजलि सभा में माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मार्कण्डेय सिंह, अनिरूद्ध त्रिपाठी, उदयभान दूबे, बाल्मीक सिंह, जवाहर लाल प्रजापति, संघ के कार्यवाहक अध्यक्ष अखिलेश मिश्र, मंत्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह, संयुक्त मंत्री विजय प्रकाश चौधरी, कोषाध्यक्ष अभय सिंह यादव, जिला प्रवक्ता सूर्य प्रकाश शुक्ल, जिला उपाध्यक्ष शैल शुक्ल आदि ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष राम पाल सिंह के योगदान पर चर्चा में कहा कि उनका सपना था कि पुरानी पेंशन बहाल हो, अब हम शिक्षकों का दायित्व है कि पुरानी पेंशन बहाली के लिये आर-पार का संघर्ष करें, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
प्रेस क्लब सभागार में दो मिनट का मौन रखकर राम पाल सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में मुख्य रूप से रामचन्दर शुक्ल, दिवाकर सिंह, आशुतोष पाण्डेय, रीता शुक्ल, रामपाल चौधरी, विनय कुमार, वेद प्रकाश, चन्द्रशेखर पाण्डेय, अनूप कुमार, बब्बन पाण्डेय, कृष्ण कुमार वर्मा, चन्द्रभान चौरसिया, सुमन, रमेश विश्वकर्मा, मंगेश्वर शुक्ल, शशिकान्त धर द्विवेदी, रविन्द्र पाण्डेय, विवेकानन्द चौरसिया के साथ ही अनेक शिक्षक और संघ पदाधिकारी शामिल रहे।