Monday, January 20, 2025
साहित्य जगत

टूट रही है शनै: अब कोरोना की डोर

टूट रही है शनै: अब कोरोना की डोर।

सच एंटीजन जांच का लक्ष्य घटा चहुंओर।

कोरोना की थम रही शनै:शनै: रफ़्तार।
होगी “वर्मा” एक दिन कोरोना की हार।

कोरोना से हे सखी बहुत गई मैं झेल।
छठ पूजा में भी नहीं हुआ कंत से मेल।

“वर्मा” अब मत व्यथित हो मन मत करो रुंआस।
कोरोना अब ले रहा सचमुच अंतिम सांस।

जीने मरने की नही है जिनको परवाह।
बिना मास्क के घूमते कितने लापरवाह।

डॉ. वी. के. वर्मा
चिकित्साधिकारी
जिला चिकित्सालय बस्ती

जिला चिकित्सालय बस्ती