Thursday, July 4, 2024
बस्ती मण्डल

फिशरमैन कांग्रेस ने किया संसद के विशेष सत्र में जे रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को पेश करने की मांग

बस्ती । शनिवार को फिशरमैन कांग्रेस के प्रदेश चेयरमैन देवेन्द्र निषाद के आवाहन पर फिशर मैन कांग्रेस पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सचिव सोमनाथ निषाद संत जी के नेतृत्व में जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। मांग किया कि संसद के विशेष सत्र में जे रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को पेश किया जाय।
ज्ञापन सौंपने के बाद फिशर मैन कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष ई. राजबहादुर निषाद ने बताया कि भेजे ज्ञापन में जातिगत जनगणना कराने, पिछडो का आबादी के अनुपात में आरक्षण बढाने, पिछडो, अति पिछडो, अत्यन्त पिछड़ो के आरक्षण का वर्गीकरण करने एवं महुआ समुदाय को नदी के समस्त अधिकार दिये जाने मांग शामिल है।
ई. राजबहादुर निषाद ने कहा कि आजादी के 76 वर्ष के पश्चात भी पिछड़े वर्ग की अधिकतर जातियों की सामाजिक, राजनैतिक और आर्थिक स्थिति अत्यन्त कमजोर है। इसका सबसे बड़ा कारण 1931 के बाद पिछडे वर्ग की जातिगत जनगणना के आंकडे ना होना है। वर्ष 2011 में केन्द्र सरकार ने जनगणना में जातिगत और आर्थिक आंकड़े जुटाये। लेकिन 2014 में केन्द्र में भाजपा की सरकार आ गयी. बाद में केन्द्र की बीजेपी सरकार ने जनगणना में वर्ग के जातिगत और आर्थिक आकडे पेश नही किये और वर्ष 2021 में शुरू होने वाली जनगणना को भी शुरू नहीं कराया गया।
प्रदेश सचिव सोमनाथ निषाद संत ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछडे वर्ग की जातिगत जनगणना जिसकी कितनी आबादी उसका उतना हक मिलना चाहिए की मांग की और इस लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए कहा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने प्रधानमंत्री को जातिगत जनगणना कराने के लिए 16 अप्रैल 2023 को पत्र लिखा। श्रीमती सोनिया गांधी जी ने भाजपा द्वारा बुलाये गये विशेष सत्र में जातिगत जनगणना पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा।
केन्द्र सरकार ने 2 अक्टूबर 2017 को ओबीसी वर्ग की जातियों के बंटवारे के लिए जे० रोहिणी आयोग बनाया। सरकार ने रोहिणी आयोग को तीन काम दिये पहला ओबीसी के अन्दर अलग अलग जातियों और समुदाय को आरक्षण का लाभ कितने असमान तरीके से मिल रहा है, इसकी जांच करना, दूसरा ओबीसी के अन्दर 27 प्रतिशत आरक्षण बंटवारे तरीका आधार और मानदण्ड तय करना और तीसरा ओबीसी की जातियों का उपवर्गों में बांटने के लिए पहचान करना। आयोग के 19 बार विस्तार के बाद 31 जुलाई 2023 को आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी। सरकार ने भी जे० रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया है। रिपोर्ट को सार्वजनिक करना पिछडो के हितों के लिए अति आवश्यक है।
ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से राजेश साहनी, परमात्मा निषाद, आंेकार निषाद, प्रेम गौतम, पवित्र शंकर आदि शामिल रहे।