गुरु महिमा
ज्ञान
का दीप
प्रदीप्त असंख्य करते
कोटि-कोटि
नमन ।
उर
तमस मिटाते
रोग दोष हरते
देते ज्ञान
प्रकाश ।
गुरु
चरण वंदन
तन मन धन
से करें
आराधन।
जीवन
सफल आलोकित
शिक्षक के ज्ञान
से सकल
संसार ।
जहां
पड़े गुरु
चरण पावन भूमि
वचन अमृत
समान ।
जीवन
यात्रा के
पथ प्रदर्शन बनते
सोपान के
सारथी ।
गुरुमंत्र
में विराजे
अखंडशक्ति कष्ट दूर
कर करते
कल्याण।
स्वरचित
शब्द मेरे मीत
डाक्टर महिमा सिंह