Sunday, July 7, 2024
साहित्य जगत

गुरु महिमा

ज्ञान
का दीप
प्रदीप्त असंख्य करते
कोटि-कोटि
नमन ।

उर
तमस मिटाते
रोग दोष हरते
देते ज्ञान
प्रकाश ।

गुरु
चरण वंदन
तन मन धन
से करें
आराधन।

जीवन
सफल आलोकित
शिक्षक के ज्ञान
से सकल
संसार ।

जहां
पड़े गुरु
चरण पावन भूमि
वचन अमृत
समान ।

जीवन
यात्रा के
पथ प्रदर्शन बनते
सोपान के
सारथी ।

गुरुमंत्र
में विराजे
अखंडशक्ति कष्ट दूर
कर करते
कल्याण।

स्वरचित
शब्द मेरे मीत
डाक्टर महिमा सिंह