Wednesday, October 9, 2024
धर्म

विश्व पटल पर भारत एक सशक्त राष्ट्र के रूप में नजर आएगा। ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री

आजाद भारत का भविष्य

15 अगस्त की कुंडली से जानें भारत का भविष्य
15 अगस्त 1947, 12:00, दिल्ली में स्वतंत्र भारत का जन्म हुआ। आज 15 अगस्त है और पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। दरअसल आज से 76 वर्ष पूर्व हमारा देश अंग्रेजों की गुलामी मुक्त हुआ था और तब से हम आजाद भारत की हवा में सांस ले रहे हैं। 15 अगस्त 1947 ही वह ऐतिहासिक दिन है, जब भारत को आजादी मिली थी। साल 1947 से लेकर अब तक भारत ने सांस्कृतिक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक, सैन्य, खेल एवं तकनीकी क्षेत्र की विकास यात्रा में अपनी एक विशेष पहचान बनाई है। विश्व को ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का पाठ पढ़ाने वाले देश भारत की तरफ आज संपूर्ण विश्व की नजर है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक राष्ट्र भारत की पहचान एक सशक्त राष्ट्र के रूप में है।
इस साल जहां कई चुनौतियाँ लेकर आने वाली हैं, लेकिन इन्ही उद्घाटन के बीच भारत अपनी साख और पहचान बनाने में भी अहम भूमिका में सफल होगी। भारत से विखंडन परिदृश्य जहां महाशक्तियों को साधन में सफलता मिलेगी, अन्य पड़ोसी देशों यानी चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल जैसे देशों के प्रति अतिविश्वास के कारण भी देश में संकट पैदा हो सकता है। इस देश में विश्वास लेकर विदेशी ताकतों से मिलकर भारत को अवशेष रूप से नुकसान पहुंचाया जा सकता है। इसमें चीन और पाकिस्तान से विशेष स्टोर बनाए रखें। भारत में आपके सकल घरेलू उत्पाद में तेजी से वृद्धि हो रही है। यह शिलशिला अभी भी प्राचीन कई संस्करणों तक पहुंच सकती है। देश के असामाजिक तत्व जो विभिन्न सरकारी क्षेत्रों में, सामाजिक क्षेत्रों में और राजनीतिक क्षेत्रों में बैठे हैं वे अपनी कुटिल चालों से देश को कमजोर करने का प्रयास करते हैं। हालाँकि कभी-कभी नामांकन की अहम भूमिका भी अभिनय में सफल हो जाती है। नौकरी, व्यवसाय को लेकर सरकार के प्रति कर्मचारी की भूमिका निभाएं। अपनी पार्टी के प्रवेश के लिए नियमावली में शामिल होने के लिए तीर्थयात्रियों से प्रवेश न करें। भारत के आंतरिक मामलों में विदेशी सेनाओं की कुछ चिंताएं खड़ी हो सकती हैं। चन्द्रमा शुभ कारक ग्रह है लेकिन चन्द्रमा में केतु के आने से कुछ अशुभ एवं प्रभावकारी तत्व शासन सत्ता पर स्थापित हो सकते हैं। चन्द्रमा के कारण स्थितियाँ नियन्त्रण में रहेंगी। अच्छे लोगों की अर्थात् देश प्रेमियों की पकड़ अभी भी बनी हुई है। सामाजिक एवं धार्मिक विषमताएँ फैलाने में ये लोग अधिकतर सफल नहीं हो पाते। मूल तत्त्व शासन सत्य पर प्रमाण हो सकता है। चन्द्रमा के कारण स्थितियाँ नियन्त्रण में रहेंगी। अच्छे लोगों की अर्थात् देश प्रेमियों की पकड़ अभी भी बनी हुई है। सामाजिक एवं धार्मिक विषमताएँ फैलाने में ये लोग अधिकतर सफल नहीं हो पाते। मूल तत्त्व शासन सत्य पर प्रमाण हो सकता है। चन्द्रमा के कारण स्थितियाँ नियन्त्रण में रहेंगी। अच्छे लोगों की अर्थात् देश प्रेमियों की पकड़ अभी भी बनी हुई है। सामाजिक एवं धार्मिक विषमताएँ फैलाने में ये लोग अधिकतर सफल नहीं हो पाते।
जाति को साधने का प्रयास। जनता के कल्याण के लिए सर्व भाईचारा योजना बनाने का प्रयास। जिसमें सरकार को बहुत कुछ सफलता मिलेगी लेकिन केतु के प्रभाव का कारण और शनि की मजबूत स्थिति के कारण कुछ असामाजिक तत्व भ्रम फैल सकता है। वर्ग या जाति संघर्ष फैलाकर सरकार को बदनाम करके राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर सकती है। संकेत के प्रभाव के कारण उन्हें थोड़ी बहुत सफलता भी मिल सकती है। लेकिन गुरु सूर्य एवं अन्य शुभ ग्रहों की स्थिति मजबूत होने के कारण जनता का विश्वास सरकार पर कायम रहेगा। जिससे सरकार हर क्षेत्र में विकास एवं विकास करने में सफल रहेगी। थोड़ी बाधाएँ आएँगीं जिससे थोड़ी सी भ्रम की भी स्थितियाँ आएँगी। जनता का विश्वास सरकार पर कम हो रहा है। रोजी-रोजगार जैसी चिंताएं भी सरकार को तनाव दे सकती हैं, लेकिन सरकार शुभ संकेत के योग के प्रभाव से जनता के हित को दूर करने में सफल हो जाएगी और देश के विकास को आगे बढ़ाने में सफल होगी। प्रमुख भूमिका निभाएगी अपनी तत्परता बनाए रखें में सफल हो जाएगी। अंतत: यह कहा जा सकता है कि वर्ष में यह छोटी-मोटी समस्याएँ थीं, महामारियों के बीच संतुलन विश्व पटल पर आंतरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा। देश में अपना अहम किरदार निभाएंगे सफल। भारत की साख परंपरा।विश्व विभिन्न देश भारत को सम्मान दें। जिससे भारतवासियों को विश्व में नौकरी एवं व्यवसाय में सफलता मिले। विश्व जगत में भी भारत का भंडार स्थल बना रहो। विश्व गुरु की राह में एक और मजबूत कदम साबित होगा महामारियों के बीच संतुलन टूटा, विश्व पटल पर आंतरिक मुद्दों पर सहमति बनी। देश में अपना अहम किरदार निभाएंगे सफल। भारत की साख परंपरा।विश्व विभिन्न देश भारत को सम्मान दें। जिससे भारतवासियों को विश्व में नौकरी एवं व्यवसाय में सफलता मिले। विश्व जगत में भी भारत का भंडार स्थल बना रहो। विश्व गुरु की राह में एक और मजबूत कदम साबित होगा वर्ष
इस वर्ष भारत की कुंडली में तुला लग्न उदित हो रहा है अर्थात स्वतंत्र भारत की कुंडली का छठा भाव इस वर्ष का लग्न बन रहा है। लग्नेश शुक्र दशम भाव में वक्री होकर दशमेश चंद्र और एकादशेश सूर्य के साथ युत हैं। लग्न भाव पर षष्ठेश गुरु की सप्तम भाव से दृष्टि है। लग्न भाव पर राहु की भी दृष्टि है। प्रथम दृष्टया यह संकेत है दे रहा है, वर्षफल की कुंडली कि इस वर्ष चुनाव और सीमा सुरक्षा (छठा भाव), आंतरिक कलह जैसे विषय प्रमुख रहेंगे।वर्षफल कुंडली के बारहवें भाव, कन्या राशि में है। बुध एकादश भाव में केंद्र के स्वामी मंगल के साथ है और त्रिकोण के स्वामी वक्री शनि से दृष्ट है। तृतीयेश और षष्ठेश गुरु से दृष्ट है। बारहवें भाव में मुंथा का होना और मिथुन का एकादश भाव में होकर सप्तम भाव से गुरु से दृष्ट होना- इस बात का संकेत है कि, वैश्विक पटल पर भारत एक सशक्त राष्ट्र के रूप में नजर आएगा। विश्व को अपनी बात अपनी शर्तों पर मनवाने में भारत सक्षम रहेगा। मिथुन का अग्नि तत्व राशि में अग्नि तत्व ग्रह मंगल के साथ होना एवं मंगल का द्वितीयेश भाव होना इस बात का संकेत है कि वित्त के क्षेत्र में, कर्ज नीति में, बैंकिंग सेक्टर, न्यायपालिका, शिक्षा के क्षेत्र में इस वर्ष- आमूल चूल परिवर्तन देखने को मिल सकता है। षष्ठेश मंगल का साथ एवं चतुर्थ शनि की दृष्टि-देश की सीमा पर एवं देश के भीतर दुश्मनों से निपटने एवं स्थिति को स्थिर बनाये रखने की दिशा में नए और दृढ कानून बनाए जाने का संकेत है। मंगल, शनि, बुध और शुक्र के साथ पंचम, एकादश, द्वादश, द्वितीय, सप्तम, द्वादश भाव के स्वामी का एक लय स्थापित करना इस बात का संकेत दे रहा है कि विदेशी सहयोग में इस साल वृद्धि होगी। विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में भी देश काफी तेजी से अग्रसर होगा। लेकिन निर्माण के क्षेत्र में आशा के अनुरूप विकास नहीं दिखेगा परंतु, नए नए अवसर के द्वार जरू खुलेंगे।
जय हिन्द जय भारत