नर्सिंग होम के फर्जीवाडे मामले में प्रभा ग्रुप के प्रबंध वैभव चतुर्वेदी की जमानत अर्जी खारिज
संत कबीर नगर (जितेन्द्र पाठक) | फर्जी प्रभा इन्स्टीट्यूच आफ मेडिकल साइंसेज चलाने वाले वैभव चतुर्वेदी का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र जनपद एवं सत्र न्यायाधीश ने बुधवार को निरस्त कर दिया । वैभव चतुर्वेदी प्रबंधक प्रभा इस्स्टीट्यूच आफ मेडिकल साइंसेज पर कूटरचित अभिलेख के आधार पर संस्था के संचालन करने का आरोप लगाया गया है । इस चर्चित प्रकरण में मुख्य चिकित्साधिकारी हर गोविन्द सिंह ने अभियोग पंजीकृत कराया है । मामले में पुलिस ने धारा 419, 420 , 467 , 468 , 471 भादवि के तहत वैभव चतुर्वेदी प्रबंधक प्रभा इन्स्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज विधियानी निवासी मुखलिसपुर कोतवाली खलीलाबाद के विरुद्ध दिनांक 22अगस्त 2020 को मुकदमा दर्ज किया है । आरोप है कि प्रभा देवी चैरिटेबल सोसायटी द्वारा प्रभा इन्स्टीट्यूच आफ मेडिकल साइंसेज विधियानी खलीलाबाद के नाम से कोई भी आवेदन सीएमओ कार्यालय को प्राप्त नहीं है । इतना ही नहीं उक्त संस्था के नाम से कोई भी पंजीकरण ही कार्यालय द्वारा किया गया है । वैभव चतुर्वेदी के अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी आनंद कुमार राय ने किया । श्री राय ने तर्क दिया कि जिस सत्र के एसीएमओ के कूटरचित हस्ताक्षर से पंजीयन प्रमाण पत्र जारी होने का प्रमाण पत्र प्रदर्शित किया गया है । उस कार्यकाल में उक्त नाम का कोई सीएमओ अथवा एसीएमओ कार्यरत ही नहीं रहा है । सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि जिस फार्मेट पर पंजीकरण किया जाना बताया जा रहा है । उस फार्मेट पर पंजीयन होता ही नहीं है । वित्तीय वर्ष 2019 – 2020 में ही पहले 100 बेड तथा बाद में 50 बेड की संख्या वाला कूटरचित पंजीकरण के सहारे संस्था का संचालन किया जा रहा है । आरोपी का कृत्य गम्भीर प्रकृति का अपराध है । जनपद एवं सत्र न्यायाधीश महफूज अली ने वैभव चतुर्वेदी का अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया ।