Sunday, May 5, 2024
हेल्थ

जनजागरूकता और स्वच्छता से संचारी रोगों पर होगा प्रहार

गोरखपुर, 01 जुलाई 2023। जनजागरूकता और स्वच्छता व्यवहार के जरिये संक्रामक बीमारियों से बचाव का एक माह का विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान जिले में शुरू हो गया है । इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ पंचायती राज विभाग, नगर निकाय विभाग, पशुपालन, आईसीडीएस और कृषि विभाग समेत विभिन्न सहयोगी विभाग और संस्थाएं एक साथ मिल कर बीमारियों से बचाव के कदम उठाएंगी । इसी दौरान 17 जुलाई से 31 जुलाई तक आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीम घर घर जाकर बुखार, कोविड, कुपोषित बच्चों, टीबी, फाइलेरिया और कुष्ठ के मरीजों की सूची बनाएंगी । सदर सांसद रवि किशन शुक्ल, ग्रामीण विधायक विपिन सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने एनेक्सी भवन से प्रचार वाहनों को हरी झंडी दिखा कर शनिवार को अभियान का शुभारम्भ किया ।

शुभारम्भ कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए सदर सांसद ने कहा कि स्वच्छता से ही बीमारियों से बचाव होगा और इस कार्य में अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका हैं । स्वास्थ्य कार्यकर्ता जन जन तक संदेश पहुंचाए कि सफाई के सभी उपाय करके ही लोग बीमारियों से बच सकते हैं। लोगों के जीवन की रक्षा करने में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका है और सभी को समुदाय के विश्वास पर खरा उतरना है । सांसद ने लोगों को संचारी रोगों से बचाव की शपथ भी दिलाई।

बतौर विशिष्ट अतिथ ग्रामीण विधायक विपिन सिंह ने कहा कि पहले गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस के कारण बड़ी संख्या में बच्चों को जान गंवानी पड़ती थी, लेकिन जब से स्वच्छता व्यवहार अपनाया गया और लोग जागरूक हुए तो यह बीमारी खत्म होने लगी है । सरकार ने सभी सरकारी अस्पतालों पर बुखार के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई है जिससे लोगों को घर के नजदीक त्वरित इलाज मिल रहा है । यह जानकारी जन जन तक पहुंचाई जानी चाहिए ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि एक माह का अभियान मौसम की दृष्टि से और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि बरसात के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ेगा । लोगों तक यह संदेश पहुंचाना है कि नालियों में पानी जमा न होने दें, झाड़ियों की सफाई करें, घर में भी कहीं साफ पानी जमा न होने दें, हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखें, शौचालय का प्रयोग करें, बच्चों को भी स्वच्छता व्यवहार सिखाएं और किसी भी प्रकार का बुखार हो तो अस्पताल के चिकित्सक से ही इलाज कराएं । बुखार के लक्षण दिखने पर आशा कार्यकर्ता की मदद से या स्वयं 108 नंबर एम्बुलेंस पर फोन कर उसके साथ ही अस्पताल जाएं । अपने मन से दवा का सेवन नहीं करना है ।

इस अवसर पर मऊ जिले की सीएमओ डॉ नंद कुमार, एसीएमओ डॉ एके चौधरी, डॉ गणेश यादव, डॉ नंदलाल कुशवाहा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मुकेश रस्तोगी, डीएमओ अंगद सिंह, एडीएमओ राजेश चौबे, सीपी मिश्रा, डीएचईआईओ केएन बरनवाल, डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, डीपीएम पंकज आनंद, डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय, जेई एईएस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से नवीन गुप्ता, आदिल, अरूण, अभयनंदन, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ और पाथ संस्थाओं के प्रतिनिधि, सभी ब्लॉक के बीसीपीएम, एनटीईपी से जुड़े कर्मी, मलेरिया इंस्पेक्टर व सहयोगी विभागों के प्रतिनिधिगण भी मौजूद रहे ।

*सम्मानित हुईं सीएचओ*
सांसद ने जनपद के महुआ डाबर उपकेंद्र की सीएचओ अम्बालिका गुप्ता और महराजी उपकेंद्र की सीएचओ सुषमा सिंह को प्रमुख सचिव स्वास्थ्य द्वारा भेजा गया प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया । इन दोनों सीएचओ ने जिले में सर्वाधिक टेलीमेडिसिन सेवा प्रदान की है ।

*पांच सूचकांकों में बेहतर प्रदर्शन*

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि अप्रैल में चले अभियान के दौरान जिले ने पांच सूचकांकों में राज्य के मानकों के अनुसार बेहतर प्रदर्शन किया है । मॉनीटरिंग डेटा के अनुसार 78 फीसदी गांवों में नालियों की सफाई की गई, 92 फीसदी घरों में शौचालय पाए गये और 97 फीसदी घर ऐसे मिले जहां परिवार का प्रत्येक सदस्य शौचालय का इस्तेमाल करता है। 64 फीसदी घरों में आंगनबाड़ी ने गृह भ्रमण किया जबकि 88 फीसदी घरों में आशा कार्यकर्ता की विजिट हुई । मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा के दिशा निर्देशन में ब्लॉक और जिला स्तरीय बैठकों में सभी सूचकांकों को और भी बेहतर करने की योजना बनी है ।

*बीमारी और मृत्यु दोनों घटे*
सीएमओ डॉ दूबे ने बताया कि जिले में वर्ष 2017 में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के रोगियों की संख्या 874 और मृतकों की संख्या 121 थी। वर्ष 2018 से प्रत्येक वर्ष तीन बार संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान शुरू किया गया, जिसका असर रहा कि वर्ष 2022 तक एईएस मरीजों की संख्या घट कर 96 और इसके मृतकों की संख्या घट कर तीन हो गयी । इस साल कुल 16 केस रिपोर्ट हुए हैं, लेकिन किसी की मृत्यु नहीं हुई है।

*बुखार के रोगियों पर रखना है नजर*

शहरी स्वास्थ्य केंद्र बसंतपुर की आशा कार्यकर्ता जीता देवी ने बताया कि एक माह के अभियान के दौरान हमे बुखार के रोगियों की विशेष तौर पर निगरानी करनी है । अगर कोई मरीज मिलता है तो उसे एम्बुलेंस से स्वास्थ्य केंद्र भिजवाना है । लोगों को जागरूकता का संदेश देना है। दस्तक पखवाड़े के दौरान अत्यधिक मच्छर वाले इलाकों की सूची भी बना कर विभाग को दी जाती है जिसके बाद वहां मच्छरनिरोधी गतिविधियां संचालित की जाती हैं ।