Thursday, July 4, 2024
बस्ती मण्डल

अतिवृष्टि से कम नहीं हुआ उत्साह, गन्ने की नर्सरी तैयार कर रहे किसान शरदकालीन गन्ना बुवाई

बस्ती। गन्ना बुवाई के चल रहे शदरकालीन मौसम में अतिवृष्टि के चलते आए संकट में क्षेत्र के किसानों ने विकल्प ढुढ़ लिया है। बुवाई के पूर्व गन्ने की बड़े पैमाने पर नर्सरी तैयार करने का कार्य चल रहा है। अगले एक पखवारे में खेतों से जलजमाव समाप्त हो जाने पर आसानी से ये किसान गन्ने के तैयार पौधों की रोपाई कर देेंगे।
चीनी मिल मुण्डेरवा परिक्षेत्र में पहली बार पिछले वर्ष गन्ने की नर्सरी शिडलिंग तैयार करने कोशिश होते दिखी। मिल की कार्यदाई संस्था एलएसएस के पहल पर यह शुरूआत हुई। जिसका असर मौजूदा शरदकालीन मौसम में बड़े पैमाने पर दिख रहा है। शासन ने मिल परिक्षेत्र में 937 हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की बुवाई कराने का एलएसएस को लक्ष्य दिया है। इसको लेकर इनके कर्मचारियों व अधिकारियों के प्रयास से लगातार बारिश के बावजूद किसानों का उत्साह कम होते नहीं दिख रहा है। आमतौर पर खेतों में जलजमाव या अधिक नमी की स्थिति में गन्ने की बुवाई नहीं हो पाती है। ऐसे में मौसम के मार को देखते हुए किसानों को गन्ने की नर्सरी तैयार करने पर सर्वाधिक जोर दिया जा रहा है।

15 लाख के सापेक्ष 6 लाख पौधे तैयार

कार्यदाई संस्था के शुरूआती आकलन के मुताबिक अब तक तकरीबन 6 लाख पौधे तैयार करने के लिए बीज डाला जा चुका है। अभी यह प्रक्रिया एक माह तक चलती रहेगी। इस तरह 15 लाख पौधे तैयार करने का विभाग ने लक्ष्य रखा है। जिसको लेकर किसानों में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। इन 15 लाख पौधों से 94 हेक्टेयर क्षेत्र में ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई की जायेगी। जबकि रिंगपिट से 106 हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ना बुवाई का पहली बार लक्ष्य रखा गया है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इसको लेकर कार्य की प्रगति संतोषजनक है।

एक से डेढ़ लाख तक पौधे तैयार करे रहे किसान
बारिश के खत्म होने का इंतजार करने के बजाए क्षेत्र के बड़ी संख्या में ऐसे किसान हैं, जो गन्ने का पौधा तैयार कर रहे हैं। इनका मानना है कि बारिश के चलते खेती पिछड़ न जाए, इस लिहाज से पौधे तैयार कर रहे हैं। एक माह बाद भी बुवाई करेंगे तो तैयार पौधों के चलते खेती हमारी समय से हो जाएगी। दीक्षापार के दयाराम शुक्ल ने 50 हजार से अधिक पौधे तैयार कर लिए हैं। इनका डेढ़ लाख पौध तैयार करने का लक्ष्य है। कड़सरी मिश्र के जितेंन्द्र यादव ने 50 हजार व कुसमही बुजुर्ग के भगवान दीन ने 75 हजार पौधे तैयार किए हैं। यही हाल अशरफपुर के इंदल यादव का भी है। इसके अलावा गोमानारी के रमेश पाल ने भी नर्सरी तैयार करने को लेकर बेहतर पहल की है। गोमानारी के टिकोरी चौधरी 30 हजार गन्ने का पौधा तैयार कर रहे हैं।
चीनी मिल किसानों को कर रही प्रोत्साहित
गन्ना विकास के लिए नामित कार्यदाई संस्था एलएसएस के गन्ना सलाहकार एसपी मिश्र कहते हैं कि रिंगपिट विधि से गन्ना बुवाई पर हमारा जोर है। इससे किसानों को सामान्य विधि के अपेक्षा रिंगपिट से दोगुना उपज हासिल होगी। साथ ही कम बीज व अन्य लागत भी आएंगे। इसको लेकर किसानों में भी उत्साह देखने को मिल रहा है।
चीनी मिल के प्रधान प्रबंधक ब्रजेंद्र द्विवेदी ने कहा कि गन्ने की पैदावार बढ़ाने के लिए किसानों को बीज,उर्वरक,कीटनाशक समेत अन्य रसायन व उपकरण अनुदानित दर पर दी जा रही है। जिससे की मिल की क्षमता के अनुसार गन्ने की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा सके।