विना गुरूकृपा के भगवान नहीं मिलते
बनकटी/बस्ती। देईसांड में देईमाता मंन्दिर पर राम कथा का आयोजन हो रहा है कथा वाचक ने बताया कि जब तक दशरथ जी गुरु वशिष्ट के पास नहीं गए तब तक भगवान को पाने में सक्षम नहीं है और जैसे ही गुरुगृह के तरफ अपना कदम बढ़ाया जीवन की सारी बाधाएं खुद ब खुद समाप्त हो गई और गुरु ने शिष्य कार्यभार को अपने पहन लेते हुए पुत्रकामेश्ती यज्ञ के द्वारा भगवान को ही बालक बनाकर आंगन में खेलने पर मजबूर कर दिया गुरु के चरणों में अगर सच्ची निष्ठा हो तो शिष्य की चाहत का चार गुना फल मिलता है दशरथ जी एक पुत्र की कामना से गुरू के पास गए,मगर गुरू कृपा ने चार चार प पुत्र को उनके गोद में बालक के रूप में स्थापित कर दिया, दिसावर में श्री राम कथा के दौरान अवध धाम से पधारे हुए राष्ट्रीय संत रस मृदुल पवन शास्त्री जी ने राम जन्म के प्रसंग में कहा, इस दौरान आर्गन पर संगत करते हुए मुन्नालाल त्यागी जी, एवं नाल पर संगत करते हुए प्रकाश जी स्नेही तथा पैड पर संगत करते हुए गोलू पांडे जी ने सहयोग दिया कार्यक्रम के मुख्य व्यवस्थापक के रूप में, बाल केश यादव,हीरालाल यादव, मंटू यादव, चुम्मन चौधरी, देवेंद्र यादव, सत्येंद्र यादव, शिवम यादव,विंध्याचल यादव,इंद्रेश यादव,पप्पू यादव, मौजूद रहे।