Saturday, April 20, 2024
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भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है योग : सुभाष जी

बस्ती । सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रामबाग बस्ती के वन्दना सभागार में आज आठवां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रान्त के प्रांत प्रचारक मा. सुभाष जी बस्ती के सह नगर संचालक मा. सुनील मिश्र तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री अरविन्द सिंह जी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री अम्बिकेश्वर दत्त ओझा, श्री आशुतोष मिश्र और विद्यालय के पूर्व छात्र सौरभ तुलस्यान तथा अनुराग शुक्ला के नेतृत्व में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम में सभी आचार्य, कर्मचारीगण तथा भारी संख्या में छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पार्चन से हुआ।
इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रान्त के प्रांत प्रचारक मा. सुभाष जी ने बताया कि भारत की पहल पर अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस प्रति वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घायु बनाता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमन्त्री श्रीमान नरेन्द्र मोदी नें 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है। यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। तो आयें एक अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं ।
इसके बाद 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवसष् को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमन्त्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस के प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का अन्य नाम योग दिवस, विश्व योग दिवस भी है। इसके अनुयायी विश्वभर के देश हैं। कार्यक्रम में योग, ध्यान, सामूहिक मन्थन, विचार-विमर्श, सांस्कृतिक आयोजन किये जाते हैं ।
उन्होंने आगे कहा कि महर्षि पतंजलि ने योग को श्चित्त की वृत्तियों के निरोध के रूप में परिभाषित किया है। उन्होंने योगसूत्र नाम से योगसूत्रों का एक संकलन किया जिसमें उन्होंने पूर्ण कल्याण तथा शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शुद्धि के लिए अष्टांग योग (आठ अंगों वाले योग) का एक मार्ग विस्तार से बताया है। अष्टांग योग को आठ अलग-अलग चरणों वाला मार्ग नहीं समझना चाहिए; यह आठ आयामों वाला मार्ग है जिसमें आठों आयामों का अभ्यास एक साथ किया जाता है। योग के ये आठ अंग हैं – यम , नियम , आसन , प्राणायाम, , प्रत्याहार, , धारणा , ध्यान , समाधि।
कार्यक्रम में उष्ण व्यायाम , अनेक प्रकार के आसन , कपालभाति , प्राणायाम , ध्यान आदि सिखाए गये व इनके नियमित तौर पर अभ्यास करने पर जोर दिया गया। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र से हुआ।