Sunday, May 19, 2024
बस्ती मण्डल

सुदामा ने ईश्वर से निरपेक्ष प्रेम किया

9 दिवसीय पंचकुण्डीय श्री रुद्र महायज्ञ

बस्ती । शरीर रूपी रथ को जो श्रीेकृष्ण के हाथों में सौंप देता है उसे विजय श्री मिलती है । सुदामा ने ईश्वर से निरपेक्ष प्रेम किया तो उन्होने सुदामा को अपना लिया और अपने जैसा वैभवशाली भी बना दिया।मनुष्य का शरीर ही वह कुरूक्षेत्र है जहां निवृत्ति और प्रवृत्ति का युद्ध होता रहता है। जीव जब ईश्वर से प्रेम करता है तो ईश्वर जीव को भी ईश्वर बना देते हैं। यह सद् विचार राधेश्याम शास्त्री ने अमहट घाट स्थित शिवमंदिर के परिसर में आयोजित 9 दिवसीय पंचकुण्डीय श्री रुद्र महायज्ञ में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के छठवंे दिन व्यासपीठ से व्यक्त किया।
सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुये कथा व्यास ने कहा कि पति यदि धन, सम्पत्ति, सुख सुविधा दे और पत्नी ऐसे पति की सेवा करे तो इसके आश्चर्य क्या है, धन्य हैं सुदामा की पत्नी सुशीला जिन्होने भूखे रहकर भी दरिद्र पति को भी परमेश्वर मानकर सेवा करती रही। भगवान कृष्ण ने जो सम्पत्ति कुबेर के पास भी नही है उसे सुदामा को दिया। सारा विश्व श्रीकृष्ण का वंदन करता है और वे एक दरिद्र ब्राम्हण और उनकी पत्नी सुदामा का वंदन करते हैं।
सुदामा चरित्र का भावुक वर्णन करते हुये महात्मा जी ने कहा कि शारीरिक मिलन तुच्छ है और मन का मिलन दिव्य। यदि धनी व्यक्ति दरिद्रों को हृदय से सम्मान दें तो आज भी सभी नगर द्वारिका की तरह समृद्ध हो सकते हैं।
श्रीकृष्ण द्वारा उद्धव को उपदेश देने के प्रसंग का वर्णन करते हुये महात्मा जी ने कहा कि ज्ञानयोग, निष्काम कर्मयोग, भक्तियोग का ज्ञान देते हुये भगवान कृष्ण ने कहा कि उद्धव इस अखिल विश्व में मैं ही व्याप्त हूं, ऐसी भावना करना। सुख दुख तो मन की कल्पना है। जो सदगुणो से सम्पन्न है वह ईश्वर है और असंतुष्ट व्यक्ति दरिद्र।
महात्मा जी ने कहा कि तक्षक जगत से पृथक नही है, वह भी ब्रम्ह रूप है। शुकदेव जी ने परीक्षित को ब्रम्ह का दर्शन कराकर निर्भय कर दिया। सतकर्म का कोई अंत नहीं। कथा सुनकर जीवन में उतारेंगे तो श्रवण सार्थक होगा।
पंचकुण्डीय श्री रुद्र महायज्ञ के लिए वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उमाकान्त वैदिक आचार्य एवं आचार्य विवेक त्रिपाठी ने विधि विधान से पूजन कराया। मुख्य रूप से संतोष पाण्डेय, राजेन्द्र तिवारी, विकास त्रिपाठी, प्रमोद पाण्डेय, वरूण शुक्ल, शुभम मिश्र, शिवेन्द्र, विशाल, अरविन्द त्रिपाठीअपूर्व शुक्ला, रंजीत श्रीवास्तव, धीरेन्द्र शुक्ल, अनूप श्रीवास्तव, पुष्पांग उपाध्याय, हिमांशु शुक्ल, आकाश यादव, प्रांजल उपाध्याय, राजेश उपाध्याय, मानवेन्द्र मिश्र के साथ सनातन धर्म चेतना चैरिटेेबल ट्रस्ट व जीएमसी ग्रुप के अनेक लोग शामिल रहे।