शैक्षणिक व्यवस्था में परिवर्तन के लिए नई शिक्षा नीति का निर्माण: शिक्षा मंत्री गुर्जर
सोनीपत | इन्दु/नवीन बंसल (राजनीतिक संपादक) हरियाणा के शिक्षा एवं वन मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने नैतिक शिक्षा, मूल्यों व संस्कार निर्माण पर बल देते हुए कहा कि यह हिंदुस्तान की जड़ हैं। यदि हमारी जड़ मजबूत होगी तो ही देश तरक्की करेगा। अत: हमें शिक्षा में मूल्य व संस्कार और नैतिक शिक्षा का समावेश करना होगा। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए नई शिक्षा नीति का निर्माण किया गया है, जिससे शैक्षणिक व्यवस्था में परिवर्तन की सकारात्मक शुरुआत होगी।
शिक्षा एवं वन मंत्री कंवर पाल गुर्जर शनिवार को नगर के लिटल एंजल्स स्कूल में जंक्शन-1 एवं जंक्शन-2 का बतौर मुख्य अतिथि शुभारंभ करने उपरांत उपस्थित शिक्षकगणों को संबोधित कर रहे थे। स्कूल ने दावा किया है कि देशभर में उनका पहला विद्यालय है जो कि कोविड-19 कोरोना वायरस से मुक्त है। कोविड-19 मुक्त व्यवस्था का शुभारंभ करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसी व्यवस्थाएं अन्य निजी विद्यालय भी अपना सकते हैं।
शिक्षा मंत्री गुर्जर ने नई शिक्षा नीति की चर्चा करते हुए कहा कि अब परिवर्तन की आवश्यकता है। सरकार ने महसूस किया है कि तीन वर्ष आयुवर्ग के नन्हें-मुन्नों की शिक्षा की जिम्मेदारी भी सरकार की है। ऐसे में सरकार नई शिक्षा नीति के तहत यह जिम्मेदारी ले रही है। माना जाता है कि इस अल्पायु में ही बच्चे का दिमागी विकास प्रारंभ हो जाता है जो शिक्षा अर्जित कर सकता है। इसलिए अब छोटे बच्चों को भी सरकार शिक्षित करेगी। नई शिक्षा नीति के तहत आमूलचूल परिवर्तन की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत मातृभाषा को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब भारत में अंग्रेजी नहीं थी तब विश्व स्तर पर भारत 60-70 प्रतिशत व्यापार करता था। किंतु जब अंग्रेज भारत में आये तब भी व्यापार 50 प्रतिशत था। पहले रूपये की कीमत डॉलर से अधिक थी। इसलिए मातृभाषा को कम नहीं आंकना चाहिए। हालांकि अंग्रेजी के महत्व से इंकार नहीं किया जा सकता। लेकिन मातृभाषा में शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक समय था जब दुनियाभर से लोग भारत में शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थे। पुन: उस स्थिति को हासिल करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में छठी कक्षा से ही विद्यार्थियों को कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि शिक्षा पूर्ण होने के बाद कोई बेरोजगार न रहे। स्व-रोजगार स्थापित करने का विकल्प युवाओं के पास रहेगा।
शिक्षा एवं वन मंंत्री गुर्जर ने कहा कि स्कूल खोलने को लेकर भी मंथन किया जा रहा है। कोविड-19 के चलते बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। अभिभावक भी अभी अपने बच्चों को स्कूल भेजने को तैयार नहीं है। कुछ समय पहले कराये सर्वे में यह बात सामने आ चुकी है। इस दौरान उन्होंने स्कूल परिसर में पौधारोपण भी किया। साथ ही सांसद रमेश कौशिक तथा विधायक मोहनलाल बड़ौली और विधायक निर्मल चौधरी ने भी पौधारोपण किया।
इसके पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक ने एक संदेश के माध्यम से विद्यालय में कोविड-19 मुक्त व्यवस्था की बधाई दी, जिसे कार्यक्रम के दौरान दर्शाया गया। इस मौके पर सांसद रमेश कौशिक, भाजपा के जिलाध्यक्ष एवं विधायक मोहनलाल बड़ौली, विधायक निर्मल चौधरी, विधायक सुरेंद्र पंवार, पूर्व मंत्री कविता जैन, उपायुक्त श्याम लाल पूनिया, जिला शिक्षा अधिकारी जोगेंद्र सिंह हुड्डा, किरणबाला, महिला आयोग की सदस्य सोनिया अग्रवाल, निशांत छौक्कर, स्कूल के चेयरमैन आशीष आर्य व निदेशक नेहा आर्य, प्रिंसीपल आशा गोयल, आरएस विर्क, अनिरूद्ध सचदेवा, प्रीति गुगनानी, अंशुल पठानिया आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।