Wednesday, June 26, 2024
हेल्थ

मेडिकल कॉलेज में मिलेगी एमडीआर मरीजों के इलाज की सुविधा

बस्ती। मेडिकल कॉलेज बस्ती में भी टीबी के एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंस) रोगियों के इलाज की सुविधा मिलने लगेगी। इसी के साथ टीबी की जांच के लिए वहां जल्द ही ट्रूनेट मशीन को सक्रिय किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में आने वाले किसी मरीज में अगर टीबी के लक्षण मिलते हैं तो उसकी जांच कराई जाएगी। यह सुविधाएं शुरू हो जाने के बाद टीबी रोग के उन्मूलन कार्यक्रम में बड़ी सहायता मिलेगी।

राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत डॉट्स कोर कमेटी की बैठक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार की अध्यक्षता में मेडिकल कॉलेज के कांफ्रेंस हाल में शनिवार को हुई। बैठक में मेडिकल कॉलेज के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष ने प्रतिभाग किया।

टीबी एवं चेस्ट विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण गौतम ने मेडिकल कॉलेज में डीआरटीबी (ड्रग रजिस्टेंस टीबी) सेंटर स्थापित किए जाने व मरीजों की जांच के लिए ट्रूनेट जांच लैब की स्थापना पर चर्चा की। डॉ. गौतम ने कहा कि टीबी मरीजों का नोटिफिकेशन बढ़ाए जाने की जरूरत है। किसी भी विभाग में कोई मरीज आता है और अगर उसमें टीबी के सामान्य लक्षण पाए जाते हैं तो उसकी टीबी की जांच जरूर कराई जाए।

प्राचार्य ने कहा कि जो भी टीबी के मरीज मिलते हैं, उनकी अनिवार्य रूप से शुगर व एचआईवी जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सक टीबी रोग के खात्में के अभियान का खुद को हिस्सा मानते हुए जांच व इलाज में सहयोग प्रदान करें। बैठक में जिला क्षय रोग अधिकारी से कहा गया कि वह टीबी मरीजों की सूची उपलब्ध कराएं, जिससे गोद लेने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।

इस अवसर पर डॉ. रेनू संगल आचाय, डॉ. अल्का शुक्ला, डॉ. सुरेश कुमार सिंह, डॉ. अमित सिंह, डॉ. कमलेश कुमार, डॉ. बीएल कन्नौजिया, विश्व स्वास्थ्य संगठन सलाहकार डॉ.पीएस प्रीति, डॉ. पुरुषोत्तम लाल, डॉ. विनोद मौर्य, डॉ. अरुणेश कुमार, डॉ. राजन शुक्ला और राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम के समन्वयक अखिलेश चतुर्वेदी एवं संदीप कुमार उपस्थित रहे।

टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए आगे आएं
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एके मिश्रा ने बताया कि टीबी के मरीजों की सभी तरह की जांच व इलाज पूरी तरह नि:शुल्क है। जिला टीबी क्लीनिक व सभी सीएचसी पर जांच की सुविधा है। इसी के साथ उनके पोषण को ध्यान में रखते हुए इलाज के दौरान सभी मरीजों को 500 रुपए उनके खाते में इलाज चलने तक भेजे जाने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि इस समय इन मरीजों को भावनात्मक सहयोग देने की जरूरत है। प्रदेश सरकार की ओर से टीबी मरीजों को गोद लेने की योजना संचालित की जा रही है। सभी सक्षम लोगों को इस अभियान में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। सभी के प्रयास से ही देश से वर्ष 2025 तक देश से टीबी का खात्मा किया जा सकता है।