Sunday, April 21, 2024
बस्ती मण्डल

जयन्ती पर याद किये गये महान संत गाडगे

बस्ती । समाज सुधारक महान संत गाडगे को उनके 146 वें जयन्ती अवसर पर बुधवार को समारोहपूर्वक याद किया गया। रजक सुधार समिति के महामंत्री राजू कन्नौजिया के नेतृत्व में अनेक समाजसेवियों ने कटरा पानी टंकी के निकट स्थित संत गाडगे की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके योगदान पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही अमहट धोबी घाट पर संत गाडगे की स्मृति में सामूहिक भोज का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में सर्व समाज के लोगों ने हिस्सा लिया।
कांग्रेस के प्रदेश सचिव एवं बस्ती सदर से प्रत्याशी देवेन्द्र श्रीवास्तव ने संत गाडगे को नमन् करते हुये कहा कि उन्होने अनेक धर्मशालाएं, गौशालाएं, विद्यालय, चिकित्सालय तथा छात्रावासों का निर्माण कराया। यह सब उन्होंने भीख मांग-मांगकर बनावाया किंतु अपने सारे जीवन में इस महापुरुष ने अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनवाई। उन्होंने धर्मशालाओं के बरामदे या आसपास के किसी वृक्ष के नीचे ही अपनी सारी जिंदगी बिता दी। वे स्वच्छता अभियान के सबसे बड़े नायक हैं। उनके जीवन से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।
कांग्रेस अध्यक्ष अंकुर वर्मा कहा कि संत गाडगे बाबा के जीवन का एकमात्र ध्येय था- लोक सेवा। दीन-दुखियों तथा उपेक्षितों की सेवा को ही वे ईश्वर भक्ति मानते थे। धार्मिक आडंबरों का उन्होंने प्रखर विरोध किया। उनका विश्वास था कि ईश्वर न तो तीर्थस्थानों में है और न मंदिरों में व न मूर्तियों में। दरिद्र नारायण के रूप में ईश्वर मानव समाज में विद्यमान है। उनके जीवन से हम सबको सेवा और समर्पण के क्षेत्र में प्रेरणा लेनी चाहिये।
कार्यक्रम को रजक सुधार समिति के अध्यक्ष राजू कन्नौजिया, डा. राकेश कन्नौजिया, अनिल कुमार कन्नौजिया, दुर्गेश कुमार कन्नौजिया, राकेश कुमार कन्नौजिया, मुकेश कुमार कन्नौजिया, सुनील कुमार कन्नौजिया, आदि ने सम्बोधित किया। कहा कि संत गाडगे नशाखोरी, छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों तथा मजदूरों व किसानों के शोषण के भी वे प्रबल विरोधी थे। संत गाडगे द्वारा स्थापित ‘गाडगे महाराज मिशन’ आज भी समाज सेवा में रत है।
इस अवसर पर मो. रफीक खां, ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ‘ज्ञानू’ विपिन राय, सचिन शुक्ल, गुड्डू कन्नौजिया, मंगल कन्नौजिया, सुरेन्द्र कन्नौजिया, जय कन्नौजिया, संजय कन्नौजिया, सुरेन्द्र कन्नौजिया, अशोक कुमार कन्नौजिया, सोनू कन्नौजिया, कृष्णा कन्नौजिया, नीलेश कन्नौजिया, नवनीत कन्नौजिया, विक्रम कन्नौजिया, राजेन्द्र प्रसाद कन्नौजिया, श्याम कन्नौजिया, अनिल कुमार कन्नौजिया, सन्तोष कन्नौजिया, राजेन्द्र कन्नौजिया, अशोक कुमार कन्नौजिया, विशाल कन्नौजिया, राकेश कन्नौजिया, शनि कन्नौजिया, आंचल कन्नौजिया, अमीशा कन्नौजिया, आशा कन्नौजिया, अभिषेक कन्नौजिया, दुर्गेश कन्नौजिया, कार्तिक कन्नौजिया, सोनू कन्नौजिया, प्रिन्स कन्नौजिया, अनिल कन्नौजिया के साथ ही बड़ी संख्या में रजक समाज के लोग शामिल रहे।