Sunday, May 5, 2024
बस्ती मण्डल

शिवाजी महाराज ने अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवाया था-ओमप्रकाश-आर्य

बस्ती 19फरवरी।छत्रपति शिवाजी महाराज हिंदुस्तान और यहाँ की मूल वैदिक संस्कृति की रक्षा के लिए अपने कुटुम्ब सहित हमेशा तैयार रहे। इसके लिए उन्होंने औरंगजेब जैसे आताताई को नाकों चने चबाने पर मजबूर कर दिया। आज उनकी जयन्ती पर कृतज्ञ राष्ट्र उन्हें वन्दन कर रहा है। इसी कड़ी में आर्य समाज बस्ती के प्रधान ओम प्रकाश आर्य ने उनकी जयन्ती पर वैदिक यज्ञ कर आमजनमानस को उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म फाल्गुन कृष्ण तृतीया सन 1630 ई. में महाराष्ट्र राज्य स्थित शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। इनके पिताजी का नाम शाहजी भोंसले और माताजी का नाम जीजाबाई है। शिवाजी महाराज बाल्याकाल से प्रतिभा के धनी थे। कई अवसर पर शिवाजी महाराज ने अपनी प्रतिभा का लोहा भी मनवाया था। माता जीजाबाई जी ने शिवाजी का पालन-पोषण किया। साथ ही शिवाजी महाराज का मार्गप्रशस्त भी किया। शिवाजी सभी कलाओं में माहिर थे। बाल्यकाल में ही शिवाजी ने युद्ध और राजनीति की विद्या हासिल कर ली थी। समय के साथ उनकी प्रतिभा में निखार आया।
तत्कालीन समय में भारतवर्ष पर मुगलों का शासन था। मराठा मुगलों के अधीनता स्वीकार नहीं करना चाहते थे। इसके लिए मराठा और मुगलों के बीच कई बार भयंकर युद्ध हुआ। बालकाल्य से शिवजी के हृदय में आजादी की लौ प्रज्ज्वलित हो रही थी। महज 10 वर्ष की आयु में 14 मई, 1640 ईं को शिवाजी का विवाह सइबाई निम्बालकर से पूणे के लाल महल में हुआ था। शिवाजी ने अपने शासनकाल में उन सभी प्रदेशों पर अधिकार कर लिया जिनको पुरुंदर की संधि के अतंर्गत उन्हें मुगलों को देने पड़े थे।
वर्तमान में सत्ता में आने के लिए सभी हथकण्डे अपनाने वाले नेताओं को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आज सभी राजनेताओं को छत्रपति शिवाजी महाराज से देश प्रेम की प्रेरणा लेकर राजनीति करनी चाहिए तभी देश दुनिया के लिए आदर्श बन सकेगा।