रामलीला महोत्सव की तैयारियों को लेकर बैठक
बस्ती।श्री रामलीला महोत्सव समिति की बैठक मनौरी चौराहा पर आयोजित की गई जिसमें आगामी 27 अक्टूबर से 5 नवम्बर तक होने वाले रामलीला महोत्सव की तैयारियों पर चर्चा हुई। बैठक की प्रस्तावना रखते हुए सुभाष शुक्ल ने कहा कि राम कल भी प्रासंगिक थे और आज भी प्रासंगिक हैं और हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। उन्होंने कहा कि राम के जीवन से हमें हर पल शिक्षा मिलती है, रामलीला हमेशा से समाज में एकरूपता बनाए रखने की शिक्षा देता आया है। शिक्षाविद योगेश शुक्ल ने कहा राम का जीवन परिचय एक संस्कारशाला है इससे समाज के प्रत्येक वर्ग प्रवर्ग का बौद्धिक नैतिक सामाजिक उत्थान की शिक्षा मिलती है। जैसा कि हम सभी ने पाया कि लॉकडाउन के समय में जहां दूरदर्शन से लेकर के तमाम चैनलों रामायण और महाभारत का प्रसारण किया तो इसके माध्यम से हमारी नई पीढ़ी को रामायण और महाभारत को समझने और जानने का अवसर प्राप्त हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता बृजेश सिंह मुन्ना ने रामचरितमानस को सूत्र संग्रह मानते हुए इससे शिक्षा लेने पर बल दिया। नरेंद्र शुक्ल ने कहा कि समाज मे प्रारंभ हो चुके नैतिक पतन को रोकने के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान के जीवन आदर्शों पे प्रेरणादायी प्रसंगो का मंचन किया जाना समाज के लिए हितकारी होगा। बैठक को महेश शुक्ल, कैलाश नाथ दूबे, अवधेश त्रिपाठी, रमेश सिंह, प्रशांत पांडेय, कुंदन लाल वर्मा, अमर मणि पांडेय ने संबोधित किया।
श्री धनुषधारी अवध आदर्श रामलीला मंडल अयोध्या के सदस्यों द्वारा राम लीला का मंचन पण्डित अटल विहारी वाजपेयी प्रेक्षागृह में किया जाएगा। आयोजन समिति से जुड़े अखिलेश दूबे ने आये हुए अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया और आम जन से इस आयोजन को सफल बनाने की अपील की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से सिद्धार्थ मिश्र, अनिल पांडेय, भानु प्रकाश मिश्र, आदित्य श्रीवास्तव, आशीष शुक्ल, नितेश शर्मा, सत्येंद्र शुक्ल, राकेश दुबे जेडी , रणजीत सिंह, संतोष पाल, प्रदीप दूबे, मनोज नेगी, अभिषेक त्रिपाठी, राम विनय पांडेय, राजेश ओझा, ॐ प्रकाश आर्य, गरुण ध्वज पांडेय, सौरभ सिंह, चारवाक यादव, विकास चौधरी, जिम्मी, विवेक मिश्रा , पंकज त्रिपाठी, अनुराग शुक्ल आदि लोग उपस्थित रहे।