जानिए गर्भावस्था में किन कारणों से बढ़ जाती हैं दिल की धड़कनें
गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए एक बेहद कठिन दौर होता है। इस दौरान महिला को कई तरह की शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं में से एक है हार्ट रेट का बढ़ जाना। वैसे तो एक स्वस्थ महिला की सामान्य हृदय गति 60 से 80 प्रति मिनट के बीच होती है, लेकिन कभी−कभी एक गर्भवती स्त्री की दिल की धड़कन 100 या उससे भी अधिक हो जाती है। यह सामान्य मानी जाती है, लेकिन अगर इससे भी अधिक हार्ट रेट बढ़ने लगे तो महिला को चिकित्सीय मदद की जरूरत होती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको दिल की धड़कन बढ़ने के कारण व उसके लक्षणों के बारे में बता रहे हैं−
जानिए कारण
स्त्री रोग विशेषज्ञ बताती हैं कि गर्भावस्था में महिला के दिल की धड़कने बढ़ने के पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण होते हैं। उदाहरण के तौर पर, इस अवस्था में कई बार महिला को चिंता होती है या फिर डर लगता है, जिसके कारण दिल की धड़कने तेज हो जाती हैं। इसी तरह, गर्भावस्था का समय बीतने के साथ−साथ गर्भस्थ शिशु को अधिक रक्त की जरूरत होगी। ऐसे में महिला का शरीर ज्यादा ब्लड पंप करता है और उसकी दिल की धड़कन तेज होती है। इसके अलावा, एनीमिया, हाइपोथॉयराइड, हार्मोनल बदलाव व कुछ खास दवाओं के सेवन से भी हार्ट रेट बढ़ जाती है।
पहचानें लक्षण
स्त्री रोग विशेषज्ञ के अनुसार, गर्भावस्था में दिल की धड़कन का 100 तक होना बेहद सामान्य है और इस स्थिति में आपको शायद लक्षण नजर ना आए। लेकिन अगर दिल की धड़कन इससे भी तेज होती है तो इसके लक्षण आपको जरूर नजर आएंगे। इन लक्षणों के नजर आने पर डॉक्टर के पास जरूर जाना चाहिए। मसलन, जब आपका दिल तेज−तेज धड़केगा तो आपको इसका पता चलेगा। हो सकता है कि आपको सीने में दर्द हो या फिर सांस लेने में परेशानी हो। कुछ स्थितियों में तो दिल की धड़कन रुकने का अहसास हो सकता है। इसके अलावा, गर्भवती स्त्री को बिल्कुल आराम नहीं लगेगा। उसे बैठने और लेटने में भी सांस लेने में तकलीफ होगी। हो सकता है कि उसे लगातार खांसी आए या फिर फिर सिर में दर्द के साथ−साथ चक्कर या बेहोशी जैसा महसूस हो। ऐसे में तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
मिताली जैन