Monday, March 17, 2025
साहित्य जगत

हुआ देश का बहुत क्षरण…..

हुआ देश का बहुत क्षरण।
करो जागरण, करो जागरण।
कोरोना का होवे नाश।
जग में हो फिर दिव्य प्रकाश।
किसी तरह संकट टल जाये।
सुख का फूल पुनः खिल जाये।
दूर करो यह गहन अंधेरा।
नैतिकता का करो आचरण।
करो जागरण, करो जागरण।
ऐसी विपदा कभी न आई।
जीवन की कलिका मुरझाई।
कमर कसो अब आगे आओ।
कोरोना को दूर भगाओ।
कोरोना का रावण मारो।
पुनः न हो फिर सीताहरण।
करो जागरण, करो जागरण
हुआ देश का बहुत क्षरण।
डा. वी. के. वर्मा
चिकित्साधिकारी
जिला चिकित्सालय बस्ती