Wednesday, October 9, 2024
बस्ती मण्डल

हल्दिया रोग से जिले के किसानों को हो रहा भारी नुकसान, प्रशासन व सूबे के मुख्यमंत्री किसानों को दें उचित मुआवजा- आलोक श्रीवास्तव

संत कबीर नगर |जितेन्द्र पाठक | संत कबीर नगर जिला अपनी कृषि की विरासत के लिए जाना जाता है। मेंहदावल विधानसभा क्षेत्र में लाखों किसान धान की उन्नत प्रजाति की खेती के लिए जाने जाते हैं, वहीं धनघटा विधानसभा और ख़लीलाबाद विधानसभा के लाखों किसानों की मुख्य जीविका फसलों से उत्पन्न अनाज ही है।

इस समय किसान कुदरत की मार झेल रहा है जहां पिछले वर्ष गेहूं की फसल बर्बाद हो गई वही इस साल जिले के लाखों किसान धान की फसलों में हल्दिया रोग लगने से परेशान हैं।
हाईब्रिड प्रजाति के धान में हल्दिया रोग का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। धान के लिए संक्रामक कहे जाने वाले इस रोग के फैलाव से किसानों के समक्ष बड़ा संकट पैदा कर रहा है। जागरूकता की कमी के कारण अधिकतर किसान इस रोग से निपटने के उपाय नहीं जानते हैं। जिले में एक हजार से अधिक हेक्टेयर फसल रोग के गिरफ्त में आ चुकी है। तेजी से फैलते इस बीमारी से निपटने के लिए कृषि विशेषज्ञों ने दवा के छिड़काव की सलाह दी है।
जिले के डेढ़ लाख हेक्टेयर पर धान की खेती होती है। गोरखपुर, बस्ती, अम्बेडकर नगर तथा सिद्धार्थनगर जनपद से सटा यह जनपद प्रदेश के तराई क्षेत्र में आता है। यहां जीविका का मुख्य साधन खेती है और एक बड़ी आबादी उसी पर निर्भर है। यहां धान की फसल बड़े रकबे पर लगाई जाती है। किसान अगेती और पछेती दोनों प्रजाति के धान की रोपाई करते हैं। सिंचाई व्यवस्था और अन्य समस्याओं को देखते हुए अगेती प्रजाति के धान की खेती अधिक की जाती है। ऊंचे हिस्से वाले खेत में किसान हाईब्रिड प्रजाति के धान लगाए हैं। यह धान कम समय में और उत्पादन भी अच्छा होने के कारण किसानों की पसंद है। इस वर्ष समय-समय पर बारिश होने से धान की फसल तो अच्छी थी, लेकिन अब हल्दिया रोग किसानों के लिए संकट बन चुका है। धान की बाली निकलते ही उसमें यह रोग पकड़ रहा है। धान की बाली पर पीला धब्बा और लावा जैसे निकल जा रहा है। देखते ही देखते तीन से चार दिन में पूरी तरह से फसल को प्रभावित कर रही है। बघौली, नाथनगर, पौली, मेंहदावल, बेलहर कला, सेमरियावां आदि ब्लॉक क्षेत्र के किसान अमरपाल पांडेय, लालचंद, राम आशीष, दूधनाथ, राजेश कुमार, मोलई प्रसाद आदि ने कहा कि बाली निकलते ही समझ में ही नहीं आया और देखते ही देखते पूरी फसल बर्बाद हो गई। फसलों पर ख़तरनाक हल्दिया रोग को प्रकोप है। जिले में एक हजार हेक्टेयर से अधिक फसल इस रोग के गिरफ्त में आकर बर्बाद हो चुकी है।
आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि हल्दिया रोग से बचाव और उपचार के संबंध में प्रतिदिन किसानों से बात हो रही हैं।