Tuesday, July 2, 2024
हेल्थ

समय से पहचान कर समाज को कुष्ठ, फाइलेरिया और कालाजार से बचाएं

गोरखपुर।(गुरूमीत सिंह)समुदाय को कुष्ठ, फाइलेरिया और कालाजार जैसी बीमारियों से बचाने के लिए इनकी समय से पहचान आवश्यक है । अगर समय से पहचान कर इलाज कराया जाए तो इन बीमारियों का उन्मूलन हो सकता है । यह बातें विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से आयोजित जिला स्तरीय संवेदीकरण कार्यक्रम में सभी विषय विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहीं । मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम के दौरान बीमारियों के लक्षण के साथ उपचार और प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के डॉ. सागर घोड़ेकर की प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम की शुरूआत हुई जिसमें उन्होंने कालाजार के बारे में विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने बताया कि गोरखपुर मंडल के 19 ब्लॉक के 116 गांव कालाजार से प्रभावित हैं । जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने कालाजार रोधी छिड़काव के बारे में बताया और पाथ संस्था के प्रोग्राम ऑफिसर डॉ. ज्ञान ने सक्रिय रोगी खोज के बारे में जानकारी दी । कार्यक्रम के दौरान हाथीपांव मरीज के पैरों की देखभाल से संबंधित प्रदर्शन भी किया गया । इस मौके पर एमएमडीपी किट के बारे में जानकारी दी गयी । प्रत्येक मरीज को यह किट दी जानी है।

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. गणेश प्रसाद यादव, कंसल्टेंट डॉ. भोला और फिजियोथेरेपिस्ट आसिफ ने बीमारी के बारे में जानकारी दी और नसों में होने वाली समस्या का प्रदर्शन भी किया । लोगों को बताया गया कि इन सभी बीमारियों की समय से पहचान के लिए आशा कार्यकर्ताओं का सक्रिय सहयोग लिया जाना चाहिए। आशा कार्यकर्ता जब बीमारी की समय से पहचान करेंगी तो समय से इलाज भी संभव हो पाएगा । अगर किसी को अधिक जानकारी चाहिए तो वह जिला मलेरिया विभाग एवं कुष्ठ रोग विभाग से संपर्क कर सकता है । पीसीआई संस्था के प्रतिनिधि एसएन पांडेय ने जनजागरूकता के संबंध में जानकारी दी ।

सीएमओ ने मांगा सहयोग
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने सभी प्रतिभागियों से अपील की कि वह कोविड नियमों का पालन करते हुए एनटीडी (उपेक्षित) बीमारियों के मरीजों को सामने लाएं। मरीजों को समय से इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाए । इसके साथ ही उन्होंने सभी चिकित्सा अधिकारियों से अपील की कि वह कम से कम दो टीबी मरीजों को गोद लें और उनकी देखभाल करें ।

*मिला प्रशस्ति पत्र*
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नंद कुमार ने सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र दिया । कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ. एके चौधरी, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र, एसीएमओ डॉ. वीपी पांडेय, डॉ. एके प्रसाद, एआरओ केपी शुक्ला, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी केएन बरनवाल, उप जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी सुनीता पटेल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद और शहरी स्वास्थ्य समन्वयक सुरेश सिंह चौहान प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

*कुष्ठ रोग को जानिए*
• शरीर में कोई ऐसा दाग-धब्बा जो सुन्न रहता है वह कुष्ठ रोग हो सकता है।
• यह रोग लैपरी नामक माइक्रो बैक्टेरिया से होता है जो बहुत धीमी गति से इंफेक्शन करता है।
• अगर समय रहते इसकी पहचान हो जाए तो इलाज हो सकता है।
• यह हेल्दी कान्टैक्ट से नहीं फैलता है। इसका इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे में तभी होता है जबकि वह 16-18 घंटा प्रतिदिन कई महीनों तक रोगी के निकट संपर्क में रहे।

*कालाजार को जानिये*
• वेक्टर जनित रोग कालाजार की वाहक बालू मक्खी कालाजार रोग के परजीवी लीशमेनिया डोनोवानी को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक फैलाती है ।
• कालाजार एंडेमिक जनपदों में यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से ज्यादा से बुखार हो और वह मलेरिया या अन्य उपचार से ठीक न हो तो उसे कालाजार हो सकता है ।
• कालाजार की वाहक बालू मक्खी के काटने के बाद मरीज बीमार हो जाता है। उसे बुखार होता है और रुक-रुक कर बुखार चढ़ता-उतरता है।
• इस बीमारी में मरीज का पेट फूल जाता है। भूख कम लगती है। शरीर पर काला चकत्ता पड़ जाता है।

*फाइलेरिया के लक्षण*
• हाथ, पैर और महिलाओं के स्तन मे सूजन । पुरुषों में हाइड्रोसील की परेशानी भी होती है । ।
• यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है जो गंदे पानी में पैदा होते हैं
• फाइलेरिया जैसी बीमारी में सामान्यता मौत तो नहीं होती लेकिन जिंदगी मौत से भी बदतर हो जाती है
• साल भर में एक बार चलने वाले मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) में दवा के सेवन से होता है बचाव