सुख के सूरज का हुआ,……..
सुख के सूरज का हुआ, दिन में ही अवसान।
मत पूछो कितना हुआ, जन धन का नुकसान।
कोरोना ने इस कदर, पहुँचाया आघात।
करना ही बेकार है, अब विकास की बात।
घोर अँधेरा हर तरफ, हुई प्रकृति प्रतिकूल।
पाँवो में चुभने लगे, कोरोना के शूल।
तन मन को झुलसा रही, कोरोना की आँच।
लाखों यहाँ मरीज की, रोज हो रही जाँच।
कोरोना की जाँच के लिए, गठित है टीम।
इस संकट में एक है, ’’वर्मा’’ राम रहीम।
डा. वी. के. वर्मा
चिकित्साधिकारी
जिला चिकित्सालय-बस्ती
मो.नं.-9415163328