Monday, May 6, 2024
साहित्य जगत

चमक रहा हैं तव माथे पर….

आचार्य राम चन्द्र के 131वी जयन्ती पर समर्पित रचना

चमक रहा हैं तव माथे पर यश का कुमकुम-चन्दन
,है हिन्दी के महादेव शत शत तुमको अभिनंदन।
आदर्शों की क़याम की है तुमने यह परिपाटी,
तुमको पाकर धन्य हो गयी चंदन सी यह बस्ती की माटी।
तुम तो लिख कर अमर हो गए हिंदी का साहित्यिक इतिहास,
तुमने हिदी के कानन में चहुदिस मधुमास।
तुमने हिन्दी के गौरव को मान दिया सम्मान दिया,
हिन्दी का इतिहास सृजित कर साहित्यिक अवदान दिया।
हिन्दी समालोचना में है तुमसे बढ़कर कौन महान,
आज विश्व में ग्राम अगौन का वर्मा कितना सम्मान।
है साहित्य जगत का सचमुच तीर्थ आगौन धाम,
कवि साहित्यकार आते हैं लिए भाव निष्काम।
श्रद्धा सुमन समर्पित करता आज तुम्हारे नाम।
हे आचार्य शुक्ल तुमको है बारम्बार प्रणाम,
तुमने महकाया हैं भारत का हर कोना-कोना।
तुमको पाकर अमर हो गया सचमुच ग्राम आगौना।
हे आचार्य शुक्ल तुम पर है हर कोई ही गर्वित।
जन्म दिवस पर वर्मा करता श्रद्धा सुमन समर्पित।
डॉ वी के वर्मा
चिकित्साधिकारी
जिला चिकित्सालय-बस्ती