डॉक्टर भास्कर शर्मा ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र
सिद्धार्थनगर। पूर्वांचल के प्रसिद्ध सिद्धार्थनगर के होम्योपैथिक चिकित्सक डॉक्टर भास्कर शर्मा ने माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को पत्र लिखकर अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश के समाचार पत्रों में प्रकाशित होमियोपैथिक चिकित्सकों द्वारा अपने निजी क्लीनिक से रोगियों को अपने सलाह के साथ दवा बनाने और देने के ड्रग लाइसेंस के लिए निबंधित होना अनिवार्य कर दिया गया है। यह आदेश केंद्रीय होमियोपैथिक परिषद के द्वारा निर्धारित *होमियोपैथिक प्रैक्टिशनर्स (प्रोफेशनल कंडक्ट, एटीकेटी एंड कोड ऑफ एथीक्स ) रेगुलेशन सैक्शन 37 Section 37- *Dispensing – A practitioner of Homoeopathy has a right to prepare and dispense his own prescription* के तहत प्राप्त अधिकार के विपरीत औऱ विरोध में है। उपरोक्त नियमावली भारत सरकार के द्वारा स्वीकृत है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा भी यही नियमावली स्वीकृत हैं।
उत्तर प्रदेश के द्वारा निर्गत आदेश उपरोक्त नियमावली का उलंघन है। डॉ शर्मा ने यह भी कहा कि होम्योपैथिक डॉक्टरों को ड्रग्स लाइसेंस का छूट होना चाहिएl जिला होम्योपैथिक रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन व पारदर्शी होना चाहिए lउत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया निर्णय मूल रूप से होम्योपैथिक सिद्धांत के विरोध में है, इस निर्णय से होम्योपैथी आम जनमानस से दूर हो सकती हैl होम्योपैथिक चिकित्सकों को रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया सिर्फ एक ही जगह से होना चाहिए ,व्यर्थ रूप से होम्योपैथिक चिकित्सकों को परेशान न किया जाए lएलोपैथिक के ही विचारधारा को होम्योपैथिक पर लागू करवाना चाहती है जो कि पूर्ण रूप से सही नहीं हैl होम्योपैथी का सिद्धांत एलोपैथी के सिद्धांत से विपरीत है lहोम्योपैथी व्यक्ति के पूर्ण स्वास्थ्य को परिभाषित करती हैl होम्योपैथिक चिकित्सकों को पूर्ण रूप से अधिकार होना चाहिए कि दवा बना सके,रख सके, अपने मरीजों को दवा दे सके ताकि यह सस्ती और सुलभ हो सके lसरकार द्वारा लिया गया यह कदम शिक्षित और प्रशिक्षित चिकित्सकों के शिक्षा पद्धति से सवाल उत्पन्न करता है ऐसे में डॉक्टर भास्कर शर्मा ने उत्तर प्रदेश सरकार से सादर अनुरोध करते हुए कहा कि अपने उक्त आदेश पर होम्योपैथिक चिकित्सकों व जनता के हित में ध्यान देते हुए इस निर्णय पर पुनर्विचार करेंl डॉ मनोज शर्मा डॉक्टर, राजकुमार शर्मा ,डॉक्टर सोनपा विश्वकर्मा,डॉ अजीत, डॉ दिनेश मौर्य,डॉ महेंद्र शुक्ला, डॉ अमित जायसवाल, डॉक्टर सर्वेश, डॉ अमित राय आदि सैकड़ों होम्योपैथिक चिकित्सकों ने दुख और रोष प्रकट किया हैl