Tuesday, July 2, 2024
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महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले में अपराधी मुकेश पांचाल के दूसरे बेटे सचिन पर भी ipc की धारा 212 के तहत मुक़दमा दर्ज,अपराधी आशीष फ़रार

चंडीगढ़।सोनीपत।महिला पत्रकार प्रताड़ना केस में माननीय हाइकोर्ट के आदेशो के लगभग एक महीने बाद सोनीपत पुलिस ने हाइकोर्ट की अवमानना से बचने के लिये अपराधी आशिष पांचाल निवासी नांगल खुर्द,हल्का राई सोनीपत को फ़रार करने के जुर्म में उस के भाई सचिन पांचाल को गिरफ़्तार कर सी.जे.एम. कोर्ट सोनीपत में पेश किया। जहां अदालत ने अपराधी आशिष के भाई सचिन पांचाल को जमानत पर रिहा करते हुए। सोनीपत पुलिस को जल्द से जल्द अपराधी आशिष पांचाल को गिरफ़्तार करने के आदेश दिए। गौरतलब है कि महिला पत्रकार प्रताड़ना केस में पहले से ही दोनों बाप बेटे आशिष व मुकेश पांचाल के खिलाफ़ प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज के आदेश पर गठित sit की जांच के बाद सिटी थाना शहर सोनीपत में ipc की धारा 406,420,467,468 व 471 के तहत 2 जनवरी 2020 से मुक़दमा दर्ज है जिस में जिला न्यायालय व हाइकोर्ट अपराधियों की ज़मानत ख़ारिज कर सोनीपत पुलिस को गिरफ्तारी के आदेश पहले ही दे चुका है। साथ ही इन अपराधियो पर महिला पत्रकार पर झूठा मुक़दमा दर्ज करवाने व महिला पत्रकार की गिरफ्तारी के लिये पुलिस को 50,000/- रिश्वत की ऑफर देने के जुर्म में ipc की धारा 182 के तहत भी मुक़दमा दर्ज हो चुका है। इन अपराधियो ने अपराध के सुबूत मिटाने की नीयत से महिला पत्रकार पर सायबर अटैक भी किया था जिस की लिखित शिकायत महिला पत्रकार सोनीपत पुलिस को दे चुकी है इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी इस सायबर अटैक की जांच के आदेश दे चुके है लेकिन सोनीपत पुलिस राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले को भी दबाने में लगी है। आज महिला पत्रकार प्रताड़ना मामले मे एक नया अध्याय जुड़ा है जिस में हाइकोर्ट के आदेशों के लगभग एक महीने बाद सोनीपत पुलिस ने अपराधी आशिष के भाई सचिन पांचाल को आशीष को फ़रार करने के जुर्म में ipc की धारा 212 के तहत गिरफ़्तार कर सी.जे.एम. कोर्ट सोनीपत में पेश किया जहां कोर्ट ने अपराधी सचिन पांचाल को जमानत पर रिहा करते हुए, जल्द से जल्द अपराधी आशिष पांचाल को गिरफ़्तार करने के आदेश दिए ताकि माननीय हाइकोर्ट के आदेशो की पालना हो सके। क्यों कि माननीय हाइकोर्ट पहले ही अपराधियों को गिरफ्तार करने के आदेश सोनीपत पुलिस को दे चुका है। लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते सोनीपत पुलिस माननीय हाइकोर्ट के आदेशों के एक महीने बाद भी अपराधियों को गिरफ़्तार करने में नाकाम रही है। सूत्रों की माने तो पुलिस पर इस दबाव के पीछे सरकार में बैठे किसी सांसद या विधायक का भी हाथ हो सकता है।अब देखना होगा कि सोनीपत पुलिस कब तक राजनीतिक दबाव से बाहर आकर महिला पत्रकार को प्रताड़ित करने वाले अपराधियो को गिरफ्तार कर माननीय हाइकोर्ट के आदेशों की पालना करती है। दूसरा यह भी हो सकता है अगर राजनीतिक दबाव के चलते सोनीपत पुलिस अपराधी को गिरफ्तार नही करती है तो माननीय न्यायालय महिला पत्रकार की जान- माल की सुरक्षा को देखते हुए जल्द ही अपराधी आशिष पांचाल को पी.ओ. (भगोड़ा) घोषित कर सकता है,ओर सोनीपत पुलिस के खिलाफ़ भी हाइकोर्ट की अवमानना की कार्यवाही हो सकती है।