भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है वह किसी तीसरे के खिलाफ नहीं होता: मोदी
संयुक्त राष्ट्र। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत जब किसी दूसरे देश से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है तो वह किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होता। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 75वें सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती। हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहीं रहते।’’ इस बार संयुक्त राष्ट्र महासभा की यह बैठक मुख्य रूप से डिजिटल माध्यम से हो रही है। कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर विश्व के अधिकतर नेताओं ने न्यूयॉर्क पहुंचना मुनासिब नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि चाहे ‘‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’’ से लेकर ‘‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’’ हो या फिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर विचार, भारत ने हमेशा पूरी मानव जाति के हित के बारे में सोचा है, न कि अपने निहित स्वार्थों के बारे में। उन्होंने कहा, ‘‘भारत की साझेदारी करने का मार्गदर्शन भी यही सिद्धांत तय करता है। भारत जब किसी देश से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है, तो वो किसी तीसरे देश के खिलाफ नहीं होता। भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है, तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव साझा करने में कभी पीछे नहीं रहते।’’ मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत ने दो अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पहल की थी। इतना ही नहीं, आपदा और अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस से जुड़े प्रयासों की पहल भी भारतने ही की।