ग्रामीण पत्रकार भी सुविधाओं के दायरे मे आयें – आलोक श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष आलोक श्रीवास्तव एक वार्ता के दौरान कहा कि माननीय मुख्य मंत्री जी द्वारा केवल मान्यता प्राप्त पत्रकारों को सुविधा देकर पत्रकारों का जो विभाजन किया जा रहा है नैतिक स्तर पर उसका समर्थन नहीं किया जा सकता है । वास्तव में जो पत्रकार हैं उन्हे जिला प्रशासन से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक सभी जानते हैं ।ऐसे सभी कलम के सेवकों को जो पत्रकार हैं, उन्हें नि:शुल्क दवा इलाज व जिले व प्रदेश भर में सरकारी बस से आने जाने की सुविधा प्रदान करें ।साथ ही तहसील स्तर पर 05 लाख व जिला स्तर पर सभी वास्तविक पत्रकारों को दुर्घटना एवम् मृत्यु की दशा में 10 लाख रुपये देने की आवश्यकता है और इसकी घोषणा करें।मान्यता प्राप्त पत्रकारों को तो वैसै ही कई सुविधाएं हैं।,केवल ग्रामीण पत्रकार व तहसील स्तर के पत्रकारों को ज्यादा सुविधा देनी चाहिए।मान्यता प्राप्त पत्रकारों का पांच लाख रूपये का बीमा और कोरोना वायरस के चपेट में आने से मौत होने पर दस लाख रूपये का मुआवजा देने का घोषणा का ऐलान किया जो स्वागतयोग्य है। जिलाध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा है कि ग्रामीण क्षेत्र के पत्रकार जिस तरह से इस महामारी में लॉकडाउन के बीच समाचार कवरेज का काम किये हैं वह काबिले तारीफ है। इसके बावजूद सरकार का केवल मान्यता प्राप्त पत्रकारों की सुधि लेना पक्षपात पूर्ण है। उन्होने कहा कि ग्रामीण पत्रकारों की दशा तथा दिशा पर शुचिता तथा समन्वय से समतामूलक सिद्धांत पर दृष्टिपात कर यदि मुख्यमंत्री ग्रामीण पत्रकारों को भी यह सुविधा चुनिंदा ,और सुविधा भोगी मान्यता प्राप्त पत्रकारों के अलावा भी प्रदान कर सकें ,तो ग्रामीण पत्रकार व उनका संगठन इसके लिए उनका आजीवन आभारी रहेगा और अपने आप को उपेक्षित तथा अन्यथा महसूस नहीं करेगा।