अपने ही बनाए आशियाने को उजाडऩे को मजबूर बेबस ग्रामीण
दुबौलिया/बस्ती। कई पुस्तो से गांव में रह रहे लोग अब खुद ही अपना आशियाना उजाड़ रहे हैं। सरयू की कथा ने गांव में इतना कहर मचा दिया। कि लोग अपना पक्का मकान तोड़ने को मजबूर हो गए। पेड़ों को काटकर उसकी चिल्ली बना रहे हैं। यह सब तब हो रहा है जब नदी अपने अंतिम पड़ाव पर है यह सब हो रहा है दुबौलिया ब्लाक के बैरागल ग्राम पंचायत के टकटवा मजरे में 20 से 22 फरवरी इस महीने में करीब 200 से ज्यादा लोग निवास करते हैं ।जिसमें यादव एवं अनुसूचित जाति के लोग मिलजुल कर रहते हैं ।सरयू नदी इन गांव के लोगों के लिए पवित्र नदी लोग प्रतिवर्ष पूजा चढ़ाते थे।हर पर्व त्यौहार पर स्नान करते थे। अब यही नदी इनके घरों को निकलने पर आतुर है।गांव को सुरक्षित रखने के लिए ग्रामीणों ने कई वर्ष पूर्व रिंग बांध का निर्माण किया गया था।बाढखंड अभी तक ग्रामीणों की भावनाओं से खेलता रहा।और रिंग बांध को सुरक्षित रखने का भरोसा भी देता रहा।लेकिन शुक्रवार की शाम हो रही तेज कथा को देखते हुए ग्रामीण भयभीत हो गए। उन्हें रिंग बांध तो दूर अपना घर भी सुरक्षित नहीं दिखाई पड़ रहा शनिवार को गांव के तिलकराम यादव ने जेसीबी मशीन द्वारा अपना आशियाना उजड़वा शुरू कर दिया। उसमें रखे सामानो को सुरक्षित स्थान पर भेजना शुरू कर दिया