Tuesday, July 2, 2024
गोरखपुर मण्डल

अध्यापकों पर नहीं है बीएसए के आदेश का असर

गोरखपुर -शैलेंद्र यादव  बेलघाट । केंद्र एवं प्रदेश की सरकारे तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखपुर प्राथमिक शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए भले ही प्रयासरत हैं तथा आवश्यकता के अनुरूप प्राथमिक विद्यालयों को सुदृढ़ एवं सुसज्जित करने के लिए विभिन्न मदों में पर्याप्त धन मुहैया करा रही है लेकिन परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में योजनाओं को संचालित एवं क्रियान्वयन करने वाले खंड शिक्षा अधिकारी के कृपा पात्र अध्यापकों द्वारा शासन के मनसा एवं उच्चाधिकारियों के निर्देशों का खुलेआम धज्जियां उड़ाया जा रहा है और शासन से प्राप्त धन का बंदरबांट किया जा रहा है

बताते चलें कि विकासखंड बेलघाट के 142 प्राथमिक एवं 58 उच्च प्राथमिक विद्यालयों के रखरखाव रंगाई पुताई मरम्मत आदि के मद में कम अपोजिट ग्रांड के रूप में छात्र संख्या के आधार पर पर्याप्त धन मुहैया कराया गया लेकिन कुछ विद्यालयो के अध्यापकों द्वारा कंपोजिट ग्रांट के धनराशि का सदुपयोग करते हुए शासन के निर्धारित मानक 17 बिंदु पर कार्य किया गया है।तथा खंड शिक्षा अधिकारी के कुछ कृपा पात्र अध्यापकों द्वारा कम्पोजिट ग्रान्ट के इस धनराशि का उपभोग कागज में तो कर लिया गया है लेकिन मौके पर कुछ भी नहीं किया गया जिसकी सच्चाई स्थलीय सत्यापन के बाद स्पष्ट रुप से विद्यालय भवन को देखकर की जा सकती है कि इसकी साफ सफाई रंगाई पुताई कितने दिन पहले की गई है भवन की तस्वीर स्पष्ट रूप से अपने सच्चाई बयां कर सकती है। खंड शिक्षा अधिकारी के कृपा पात्र 2 विद्यालयों का उदाहरण

नंबर 1 प्राथमिक विद्यालय सोहनाग जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखपुर भूपेंद्र नारायण सिंह से विद्यालय की बदहाल स्थिति के संबंध में ग्रामीणों द्वारा एक शिकायत की गई शिकायत के क्रम में बीएसए द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी एवं संकुल प्रभारी द्वारा जांच कराएगी जिसमें शिकायतकर्ता की शिकायत सत्य पाए गए जिस के क्रम में खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा 11-8 -20 को आख्या रिपोर्ट बीएसए गोरखपुर को प्रस्तुत किया गया जिसमें उल्लिखित किया गया कि प्रभारी प्रधानाध्यापक प्राथमिक विद्यालय सोहनाग राजेंद्र सिंह 30 जुलाई से अनुपस्थित चल रहे हैं तथा विद्यालय की रंगाई पुताई का फोटो भी भेजा गया जिसके क्रम में बी एस ए गोरखपुर द्वारा पत्रांक/ बेसिक 5392 -94 दिनांक 21 अगस्त को वेतन बाधित करते हुए 15 दिन के अंदर विद्यालय के रंगाई पुताई कराते हुए कंपोजिट ग्रांट का व्यय विवरण एवं स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश प्रभारी प्रधानाध्यापक राजेंद्र सिंह को दिया गया लेकिन बीएसए के इस आदेश का कितना अनुपालन प्रधानाध्यापक द्वारा किया गया विद्यालय भवन आज भी इसको प्रदर्शित कर रहा है उक्त प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय की रंगाई पुताई तो नहीं कराया गया । कंपोजिट ग्रांट का व्यय विवरण एवं स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया गया या नहीं यह तो विभागीय लोग ही जानते हैं । सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि प्राथमिक विद्यालय सोहनाग एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय सोहनाग दोनों एक ही कैंपस में संचालित हैं और शासन की मंशा है कि एक कैंपस में संचालित विद्यालयों को संविलियन कर एक प्रभारी बनाया जाए जबकि यह दोनों विद्यालय एक ही कैंपस में होने के बाद भी आज तक दोनों विद्यालय के अलग-अलग प्रभारी कार्य को संचालित कर रहे हैं जो खंड शिक्षा अधिकारी के कृपा पात्रता को प्रदर्शित कर रहे हैं

उदाहरण नंबर दो– विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय ठाटी एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय ठाटी जो कि संविलियन की श्रेणी में नहीं आते हैं दोनों विद्यालय के बीच से एक पक्की सड़क गई हुई है और एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय की दूरी भी 100 मीटर से अधिक है इसके बाद भी खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने कृपा पात्र अध्यापक को लाभ पहुंचाने के लिए दोनों विद्यालयों को संविलियन की श्रेणी में लाकर प्रभारी बनाया गया है जो शासन की मंशा के विपरीत है।

इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी बेलघाट उदयभान कुशवाहा के दूरभाष नंम्बर 9452217364 पर सम्पर्क कर जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन उनका मोबाइल नाट रिचेबुल होने के कारण पक्ष नही मिल सका।

इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया बताया कि कंपोजिट ग्रांट के मद में विद्यालयों को दिए गए धन को शासन की मंशा अनुरूप उपभोग करना है इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही क्षम्य नहीं होगी एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि विद्यालयों की साफ सफाई रंगाई पुताई न करने वाले एवं मनमानी रूप से कार्य करने वाले जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी