होम आइसोलेशन पर अधिक जोर दे रहे कोविड मरीज, कोविड एल-वन से घटा दबाव
संतकबीरनजगर,जितेन्द्र पाठक | जिले के कोरोना मरीज होम आइसोलेशन पर अधिक जोर दे रहे हैं। इसके चलते कोविड एल – वन हॉस्पिटल से दबाव घटा है। वर्तमान में जिले के 130 कोरोना मरीज होम आइसोलेशन में हैं, जबकि कोविड एल-वन हास्पिटल में मात्र 26 मरीज बचे हुए हैं।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मोहन ने बताया कि कोविड की जांच निरन्तर चल रही है, लेकिन मरीजों की संख्या उसी अनुपात में घट रही है। वर्तमान में जिले में 130 मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। वहीं कोविड एल-वन हास्पिटल में मात्र 26 मरीज हैं। पूरी तरह से जांच परखकर ही किसी कोविड मरीज को होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाती है। इसी का नतीजा है कि होम आइसोलेशन में रह रहे किसी भी मरीज के साथ अभी तक कोई दुर्घटना नहीं हुई है। सभी मरीज स्वस्थ हुए हैं। मात्र कुछ मरीजों को होम आइसोलेशन से कोविड एल-वन हास्पिटल में लाना पड़ा, लेकिन वह भी स्वस्थ होकर ही वापस लौटे हैं। होम आइसोलेशन से स्वस्थ हुए नाथनगर के 28 वर्षीय चन्द्रिका साहनी बताते हैं कि वह मुम्बई से आए थे। कोरोना होने के बाद वह होम आइसोलेशन में रहे। स्वास्थ्य विभाग के लोग फोन पर तथा खुद आकर जानकारी लेते थे, सब कुछ ठीक रहने के बाद अब उन्हे कोरोना से मुक्ति मिल गई है।
आरआरटी निरन्तर रहती है सक्रिय – डॉ. एके सिन्हा
रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) के प्रभारी डॉ. एके सिन्हा बताते हैं कि होम आइसोलेशन वाले मरीजों की पूरी निगरानी की जा रही है। ब्लाक स्तरीय आरआरटी उनकी निगरानी करती है। साथ ही होम आइसोलेशन एप पर भी उनको पंजीकृत किया जाता है। इस एप पर कोविड मरीज के साथ ही उसका केयर टेकर सूचनाओं को अंकित करता रहता है। मरीज के पल्स रेट, ऑक्सीजन लेबल के साथ ही अन्य क्रियाओं में कहीं भी कोई फ्लक्चुएशन दिखता है तो तुरन्त उसको आरआरटी के जरिए उचित सलाह दी जाती है।
कोविड कमाण्ड सेण्टर कर रहा निगरानी
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की निगरानी एकीकृत कोविड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर के द्वारा की जा रही है। यहां से फोन के जरिए दो चिकित्सक निरन्तर ऐसे मरीजों की निगरानी करते हैं । यह चिकित्सक 24 घण्टे कोविड कमाण्ड सेण्टर में मौजूद रहते हैं तथा कोई भी परेशानी होने पर तुरन्त ही मरीज को आवश्यक सहायता उपलब्ध कराते हैं। जरुरत पड़ने पर इन मरीजों के पास आरआरटी को तुरन्त भेजा जाता है।