कांग्रेस अपने शासन काल में ओपन मार्केट और कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग की वकालत करती थी, आज किस मुह से कर रहे हैं विरोध : ओमप्रकाश यादव
नारनौल | इन्दु/नवीन बंसल (राजनीतिक संपादक) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 70 वे जन्मदिवस पर पार्टी द्वारा चलाये जा रहे सेवा सप्ताह अभियान में पॉलीथीन की ना मोदी की हॉ कार्यक्रम के तहत प्रदेश के सामाजिक न्याय एंव अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने सोमवार को शहर के कर्मचारी कॉलोली व अन्य मौहल्लों में कपडे से बने बैग वितरित किये। इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा व पार्टी के अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। इस मौके पर मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि वर्ष 2019 के चुनावी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कृषि अध्यादेश लागू करने की बात कही थी, अब एनडीए की सरकार इसे लागू कर रही है तो कांग्रेस इसे किसानों के लिए बुरा बता रही है।
श्री यादव ने कहा है कि केंद्र सरकार के कृषि संबंधित नए अध्यादेशों में कहीं भी फसलों के एमएसपी को समाप्त करने की बात नहीं कही गई है। किसानों की फसल अनाज मंडियों में बिना किसी रूकावट के निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर ही खरीदी जाएंगी और ज्यादा कीमत का अवसर मिलने पर किसान चाहेंगे तो ओपन मार्केट में भी बेच सकेंगे। अन्नदाताओं को उनकी फसल का एमएसपी देने की व्यवस्था पर कोई आंच नही आएगी। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए एमएसपी का अधिकार बरकरार रहेगा और इस विषय पर आम लोग किसी के बहकावे में ना आएं।
उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने राजनीतिक स्वार्थ की खातिर भोले-भाले किसानों को गुमराह करने में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि नए अध्यादेशों का विरोध करने वाले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मुख्यमंत्री रहते हुए ना केवल ओपन मार्किट की वकालत की थी बल्कि केंद्र की तात्कालिक मनमोहन सिंह सरकार द्वारा गठित समिति के चेयरमैन के तौर पर इन सिफारिशों पर दस्तख़त भी किए थे। उन्होंने हुड्डा से सवाल किया कि वे किसानों को बताएं कि उनके इस दोगली नीति को अपनाने के पीछे क्या मजबूरी है और कांग्रेस प्रदेश के किसानों को क्यूं गुमराह कर रही है। मंत्री ओमप्रकाश यादव ने कहा कि यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल में भी कांग्रेस पार्टी के विजन डॉक्यूमेंट में कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग की वकालत की गई थी, लेकिन राजनीति से विवश कांग्रेसी आज व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं जबकि यह किसानों के लिए खुशहाली के नए रास्ते खोलने वाला कदम है।
उन्होंनेे कहा कि इस बार अगले माह से खरीफ फसलों का एक-एक दाना तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। उन्होंने किसानों की शंकाओं को दूर करते हुए कहा कि बाजरा, धान के अलावा पहली बार मक्के की फसल की भी सरकार एमएसपी पर खरीद करेगी। सरकार द्वारा की गई खरीफ की फसल खरीद का भुगतान एक सप्ताह के भीतर-भीतर किसानों के खाते में कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मेरे लिए किसान के हित सर्वोपरी है। किसानों को लेकर भाजपा की नीयत में ना कभी कोई खोट आया और न कभी आगे आएगा। इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा कि किसानों को सभी सुविधाएं पहले की तरह मिलती रहेंगी, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि जिन नेताओं ने किसानों की जमीनों का अधिग्रहण करके प्राइवेट बिल्डरों को सौंपने का काम किया, आज वह खुद को किसान हितेषी होने का ढोंग रच रहे हैं।