Saturday, June 29, 2024
साहित्य जगत

बहुत हुआ मत प्रलय मचाओ…

.बहुत हुआ मत प्रलय मचाओ,

मत बीभत्स स्वरूप दिखाओ।

कितने मानव गये धरा से,
कोरोना अब वापस जाओ।

तुमने कितना दर्द दिया है।
कितनों का प्राणान्त किया है।

तिनका-तिनका विखराया है,
फूल चमन का मुरझाया है।

त्राहि-त्राहि का स्वर मुखरित है,
मत इतना कोहराम मचाओ।
कोरोना अब वापस जाओ।

डा0 वी0 के0 वर्मा,
चिकित्साधिकारी, जिला चिकित्सालय-बस्ती