ओजोन की सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी – सोनिया
संतकबीरनगर। (जितेन्द्र पाठक) राजकीय कन्या इंटर कॉलेज खलीलाबाद की व्यायाम शिक्षिका सोनिया ने बताया ओजोन दिवस ओजोन परत के संरक्षण के लिए हर साल 16 सितंबर को मनाया जाता है ओजोन परत पृथ्वी को सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाने का काम करती है ओजोन परत ओजोन अणुओ की एक परत है जो 20 से 40 किलोमीटर के बीच वायुमंडल में पाई जाती है ओजोन परत के बिना मानव जीवन में कई कठिनाइयां उत्पन्न हो सकती हैं
यदि अल्ट्रावायलेट किरणें पृथ्वी पर पहुंच जाएं तो मनुष्य, पेड़-पौधे, जीव जंतु ,के लिए बहुत हानिकारक सिद्ध हो सकती हैं ऐसे में ओजोन परत का संरक्षण करना बहुत ही आवश्यक है मनुष्यों ने जो केमिकल्स बनाए हैं उससे ओजोन परत को भी नुकसान होता है और इन केमिकल से ओजोन की परत पतली हो रही है कारखानों से निकलने वाला धुआं वातावरण को प्रदूषित कर रहा है और यह हमारे पर्यावरण के लिए घातक है ओजोन परत का नुकसान होने का मुख्य कारण कुछ गतिविधियां तथा अज्ञानता है जिसके कारण वायु मण्डल में कुछ गैसो की मात्रा को बढ़ा दिया है जो पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने वाली ओजोंपरत को नष्ट कर रही है हम अपने जीवन में बहुत सारी चीजों का प्रयोग करते हैं जैसे एयर कंडीशनर है उस में प्रयुक्त गैस फ्रीयान -11है यह गैस ओजोन के लिए बहुत हानिकारक है क्योंकि इन गैसों का एक अणु ओजोन के लाखों अणुओ को नष्ट करने में सक्षम है ।पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से भी वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा कम होती है जिसकी वजह से ओजोन गैस केअणु का बनना कम हो रहा है। ओजोन परत के क्षरण होने के कारण इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं जैसे सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणें धरती पर वायुमंडल में प्रवेश कर सकती हैं जो बेहद गर्म होती हैं यह पेड़-पौधे ,जीव जंतुओं ,के लिए हानिकारक सिद्ध होंगी
मानव शरीर पर इसका दुष्परिणाम हो सकता है जैसे त्वचा का कैंसर, स्वास रोग, अल्सर, मोतियाबिंद, जैसी घातक बीमारियां हो सकती हैं। ओजोन परत की सुरक्षा के लिए हमें कई कदम उठाने चाहिए जैसे ऐसे सौंदर्य प्रसाधन और एयरोसोल तथा प्लास्टिक के कंटेनर, स्प्रे, जिसमें क्लोरो फ्लोरो( सीएफसी) विद्यमान हैं उन उत्पादों का प्रयोग हमें नहीं करना चाहिए हानिकारक उर्वरकों के प्रयोग से बचना चाहिए प्लास्टिक और रबर से बने टायर को नहीं जलाना चाहिए। अधिक से अधिक पेड़ लगाएं ताकि ऑक्सीजन अधिक से अधिक मात्रा में वायुमंडल में बनी रहे इससे ओजोन का निर्माण हो।