Saturday, May 18, 2024
साहित्य जगत

भू पर बीज खुशी…….

भू पर बीज खुशी का बोओ।
कभी न वर्मा धीरज खोओ।
आंच न आ सकती हिंदी पर,
मत हिंदी का रोना रोओ।
हिंदी है जन जन की भाषा,
हिंदी है उर की अभिलाषा।
हिंदी तो आगे बढ़ने की,
देती हमको सदा दिलासा।
हिंदी सदा सुधा बरसाती,
सोई मन की पीर जगाती।
सावन आ जाता धरती पर,
हिंदी जब जुल्फें बिखराती।
हिंदी के अधरों पर लाली,
हिंदी की है छटा निराली।
मीरा की आँखो से देखो,
हिंदी बनी सुधा की प्याली।
कभी न वर्मा हिम्मत हारो,
मन का घृणित असुर संहारो।
हिंदी सर्वश्रेष्ठ भाषा है,-
हिंदी का महत्व स्वीकारो।
डॉ. वी.के.वर्मा
चिकित्साधिकारी
जिला चिकित्सालय बस्ती