Wednesday, October 9, 2024
बस्ती मण्डल

11 हज़ार प्रवासी बच्चों को लगाया गया जेई का टीका

बस्ती। कोरोना काल के दौरान दूसरे प्रदेशों से आए हुए 11 हज़ार से ज्यादा प्रवासी व छूटे हुए बच्चों को जापानी इंसेफलाइटिस (जेई) का टीका लगाया गया। स्वास्थ्य विभाग ने टीकाकरण के लिए विशेष अभियान चलाया। शासन ने जेई टीकाकरण से छूटे हुए प्रवासी मज़दूरों के एक से 15 साल तक के सभी बच्चों को प्रतिरक्षित किए जाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया था।
जि़ला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. फकरेयार हुसैन ने बताया की बस्ती जि़ला जेई को लेकर काफी संवेदनशील है। पिछले कई सालों के दौरान टीकाकरण व जागरूकता की बदौलत काफी हदतक इस बीमारी पर काबू पाया जा सका है।
कोरोना काल के दौरान कई ऐसे प्रदेशों से प्रवासी बच्चे आए हैं, जहां जेई की समस्या नहीं है और वहां यह टीका नियमित टीकाकरण में शामिल नहीं है। जि़ले में प्रवास के दौरान ऐसे बच्चों के बीमारी से प्रभावित होने का ख़तरा था। उन्होंने बताया की फील्ड स्टॉफ के ज़रिए टीकाकरण से छूटे सभी बच्चों की सूची तैयार कराई गई।
शहरी क्षेत्र में 337 को लगा टीका
शहरी क्षेत्र में भी विशेष जेई टीकाकरण अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान 337 बच्चों को जेई का टीका लगाया गया। शहरी क्षेत्र को 329 को टीकाकृत करने का लक्ष्य था। दो से 15 साल तक के छूटे हुए 100 बच्चों को प्रतिरक्षित किया गया। 84 सत्र चलाया गया।
कामयाब रहा टीकाकरण
– टीकाकरण का लक्ष्य- 10711
– टीकाकृत बच्चों की संख्या- 11100
– 9 से 12 माह – 2180
– 16 से 24 माह- 3387
– 2 साल से 15 साल- 5533
– कुल प्रस्तावित सत्र- 1322
– कुल आयोजित सत्र- 1319
नियमित टीकाकरण में शामिल है जेई
जेई का टीका नियमित टीकाकरण में भी शामिल है। जेई का विशेष टीकाकरण अभियान वर्ष 2008 से जिले में शुरू हुआ था, इसके बाद इस टीके को अन्य टीकों के साथ लगाया जाने लगा। सहायक शोध अधिकारी (एआरओ) बीएन मिश्रा ने बताया कि पहला टीका नौ से 12 माह में तथा दूसरा टीका 16 से 24 माह में लगाया जाता है। इसके अलावा दो साल से 15 साल तक के छूटे बच्चों को भी टीका लगाया जा रहा है। जिले में हर साल लगभग 85 हजार नए बच्चों को जेई का प्रथम टीका लगाया जा रहा है। इस संख्या में अब प्रवासी बच्चे भी जुड़ जाएंगे। टीकाकरण का असर अब देखने को भी मिल रहा है। जेई से मौत और मामलों में काफी कमी आई है।